- सीडीआरआई का 65वां एनुअल डे फंक्शन

- एमडीआरटीबी के ट्रीटमेंट में होगी सहायक

- संस्थान में युवा वैज्ञानिकों को मिला सम्मान

LUCKNOW: मल्टी ड्रग रजिस्टेंस (एमडीआर) टीबी के मरीजों के लिए लेटेस्ट दवा जल्द ही मरीजों को नि:शुल्क मिलेगी। केंद्र सरकार 'बेडाक्विलिन' दवा को रिवाइज्ड नेशनल ट्यूबरकुलोसिस कंट्रोल प्रोग्राम (आरएनटीसीपी) में प्रोजेक्ट के तहत शामिल किया जाएगा। यह दवा एमडीआर टीबी के ट्रीटमेंट बहुत इफेक्टिव है। यह जानकारी बुधवार को इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिससर्च (आईसीएमआर) की डीजी व सेंट्रल गवर्नमेंट के हेल्थ डिपार्टमेंट की सेक्रेटरी डॉ। सौम्या स्वामीनाथन ने दी। वह सीएसआईआर-सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीडीआरआई) के एनुअल डे के मौके पर 'सर एडवर्ड मेलनबी मेमोरियल ओरेशन' देने के लिए संस्थान में थीं।

200 वर्षों में गईं 100 करोड़ की जान

रीसेंट एडवांसेस इन ट्रीटमेंट ऑफ ट्यूबर कुलोसिस पर बोलते हुए डॉ। सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि पिछले 200 वर्षो में विश्व भर में टीबी के कारण लगभग 100 करोड़ लोग मारे जा चुके हैं। हर वर्ष लगभग 96 लाख लोगों को टीबी हो जाती है, जिनमें से 48 लाख लोग एमडीआर टीबी से ग्रसित होते हैं। एक स्टडी के अनुसार पुरुषों में महिलाओं की अपेक्षा टीबी की बीमारी अधिक होती है। कुपोषण, शराब का सेवन, धूम्रपान, पॉल्यूशन, सघन आबादी एवं अधिक धूल एवं धुंए वाले स्थलों पर काम करने वालों में यह बीमारी अधिक होती है।

2050 तक खत्म करना है टीबी

डॉ। सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि भारत को वर्ष 2050 तक टीबी मुक्त बनाने के लिए हमें कड़ी मेहनत करनी होगी। 'बेडाक्विलिन' नाम की दवा अब तक इंडिया में उपलब्ध नहीं थी। लेकिन अब इसके आरएनटीसीपी प्रोग्राम में शामिल किया जा रहा है। अभी तक जो दवाएं हैं, उनमें क्योर रेट 50 परसेंट तक है। लेकिन, इस दवा में 80 परसेंट से अधिक है। फिलहाल यह दवा अगले कुछ माह के लिए पांच जिलों दिल्ली, अहमदाबाद, चेन्नई, गुवाहाटी व एक अन्य शहर में ही पायलट प्रोजेक्ट के तहत मिलेगी। कुछ माह बाद इसे पूरे देश में एमडीआर टीबी के मरीजों को इसे उपलब्ध करा दिया जाएगा।

मिलकर करेंगे काम

कार्यक्रम में चीफ गेस्ट के तौर पर मौजूद डॉ। राकेश कपूर ने कहा कि एसजीपीजीआई, सीडीआरआई के साथ मिलकर हेल्थ रिसर्च पर काम करने किए लिए तत्पर हैं। दोनों संस्थान अगर इस क्षेत्र में मिलकर काम करते हैं तो हम नई औषधि रिसर्च के माध्यम से मानवता के सेवा को और अधिक कर सकते हैं। इस अवसर पर डॉ। राकेश शुक्ला, डॉ। प्रदीप श्रीवास्तव, डॉ। संजीव यादव, सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

रिसर्चर्स को मिले अवार्ड

एनुअल डे के मौके पर संस्थान की निदेशक डॉ। मधु दीक्षित ने एनुअल रिपोर्ट प्रस्तुत की। उसके बाद उन्होंने रिसर्च के लिए सीडीआरआई एक्सीलेंस अवार्ड -2016 की घोषणा की। यह अवार्ड सीएसआईआर के स्थापना दिवस पर दिए जाएंगे जोकि इस बार बायोलॉजी के क्षेत्र में आईआईएससी बंगलुरू के प्रो। पैट्रिक डिसिल्वा व केमिकल साइंस में आईआईसीटी हैदराबाद के डॉ .एंथोदी अदलगट्टा को दिया जाएगा। इसके अलवा डॉ। एमएम धार मेमोरियल डिस्टिंग्यूश्ड कॅरियर अचीवमेंट अवार्ड -2016 डॉ। सामला श्रीनिवास (केमिकल साइंस )को, डॉ एमएम धार मेमोरियल डिस्टिंग्यूश्ड कॅरियर अचीवमेंट अवार्ड -2016 मो। परवेज (बायोलॉजिकल साइंस), डॉ। जेएम खन्ना मेमोरियल डिस्टिंग्यूश्ड कॅरियर अचीवमेंट अवार्ड -2016 डॉ हार्दिक चांडासना (प्री-क्लिनिकल साइंस) को, डॉ। जे एम खन्ना मेमोरियल अर्ली कॅरियर अचीवमेंट अवार्ड -2016 साजिद खान को और डॉ। स्वर्ण नित्यानंद अर्ली कॅरियर अचीवमेंट अवार्ड फॉर विमेन रिसर्च स्कॉलर -2016 श्वेता शर्मा को दिया गया।

लॉन्च हुई कम समय में हड्डी जोड़ने की दवा

सीडीआरआई के एनुअल डे के मौके पर हड्डी को वर्तमान दवाओं की अपेक्षा आधे समय में जोड़ने वाली दवा 'रीयूनियन' को लॉन्च किया गया। इस दवा के मालीक्यूल की खोज संस्थान के वैज्ञानिकों ने की थी। जिसके संस्थान ने ऐरन, मुंबई को मैन्युफैक्चरिंग के लिए दिया था। इस अवसर पर ऐरन के प्रतिनिधि आनंद दुबे ने कहा की हम इस संस्थान के साथ जुड़ कर गौरन्वित महसूस कर रहे हैं और कम से कम कीमत पर ग्लोबली दवा उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे।

Posted By: Inextlive