Patna : बात 2010 के दिसंबर की है जब रुपाली ने उस कॉल को रॉन्ग नंबर कह कर काट दिया था. लेकिन बाद में दुबारा सॉरी बोलने के लिए फोन आया और उसी वक्त से रुपाली उसके झांसे में फंसती चली गई.


प्यार में पड़कर पुणे से पटना
यह है प्रयास भारती संस्था में आया एक ऐसा केस जिसमें फोन फ्रेंडशिप इतनी बढ़ी कि रुपाली अपना सबकुछ छोड़ कर पुणे से पटना चली आई। इस रॉन्ग नंबर वाले ने अपना नाम राज सिंह और खुद को पटना के दानापुर का निवासी बताया। इसके बाद से रुपाली जो पुणे में नर्स की ट्रेनिंग ले रही थी, की दिन-रात उससे बात होने लगी। दोनों ने ई-मेल पर एक-दूसरे को फोटो भी भेजी और चल पड़ा प्यार का सिलसिला। रुपाली बताती है कि एक बार जनवरी 2012 में जब उसने राज से शादी की बात कही तो राज ने टाल दिया था। लेकिन रुपाली लगातार जिद पर अड़ी रही। तब जाकर जून फस्र्ट वीक में राज ने ही उसे फोन कर पटना बुलाया.

आशिक निकला धोखेबाज

जब रुपाली पटना जंक्शन पहुंची, तब राज नहीं कोई और आदमी उसे लेने आया था। उसने बताया कि राज ने ही उसे भेजा है। रुपाली ने जब मना किया तो वह आदमी जबर्दस्ती करने लगा। फिर रुपाली ने शोर मचाना शुरू किया तो वह भाग गया। इस इंसीडेंट के बाद रुपाली ने जब राज को फोन करना चाहा, तो मोबाइल स्विच ऑफ पाया गया। रुपाली जीआरपी के हत्थे चढ़ी और इस तरह वह प्रयास भारती संस्था पहुंच गई। जब राज की कॉल डिटेल्स और फोन नंबर की इंवेस्टीगेशन हुई, तब बात सामने आई कि वह आदमी जो अपने को राज बता रहा था, वह बेतिया का कोई मो। इस्माइल था, जिसकी शादी हो चुकी है और उसके तीन बच्चे भी हैं।

'रुपाली का केस एक ह्यूमन ट्रैफिकिंग का केस है। ऐसे हजारों मामले आते हैं जब लड़के लड़कियों को बहला-फंसा कर लाते हैं और गलत हाथों में बेच देते हैं। रुपाली के केस में भी यही होने वाला था, पर उसे जीआरपी की मदद से बचा लिया गया है.'
सुमन लाल
हेड, प्रयास भारती संस्था.

Posted By: Inextlive