- करंट का झटका लगने से पोल से गिरा संविदा कर्मी, मौत

- शटडाउन लेकर गया था लाइन दुरुस्त करने, दूसरी लाइन का कर दिया गया शटडाउन

- इससे पहले बीकेटी और वृंदावन खंड के अंतर्गत दो संविदाकर्मियों की हो चुकी है मौत

LUCKNOW: सीतापुर रोड खंड के तहत आने वाले जीएसआई उपकेंद्र के अंतर्गत मंगलवार सुबह करंट की चपेट में आने से एक संविदा कर्मी की खंभे से गिरकर मौत हो गई। पिछले डेढ़ महीने के अंदर लेसा कर्मचारियों की इस तरह के हादसे में तीसरी मौत है। इससे पहले दो संविदा कर्मियों की वृंदावन खंड और बीकेटी खंड के अंतर्गत करंट की चपेट में आने से पोल से गिरकर मौत हो चुकी है।

साथी लेकर अस्पताल भागे

जीएसआई उपकेंद्र में कार्यरत जानकीपुरम निवासी संविदा कर्मी सतीश तिवारी मंगलवार सुबह एक शिकायत पर काम करने गया था। बताया गया कि इस दौरान संविदा कर्मी ने शटडाउन के लिए कहा, लेकिन चूक से शटडाउन किसी दूसरी लाइन का हो गया है। इससे पोल पर चढ़ते ही सतीश 11 हजार केवी वोल्ट लाइन की चपेट में आ गया और करंट का झटका लगते ही जमीन पर आ गिरा। इससे उसके सिर में गंभीर चोट आई। साथियों की मदद से उसे केजीएमसी में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान ही उसने दम तोड़ दिया। संविदा कर्मी के चचेरे भाई अंशुल तिवारी ने आरोप लगाया है कि शटडाउन गलत था। करंट की चपेट में आने से वह पोल से नीचे गिरा है।

दो लाख रुपए की आर्थिक मदद

संविदा कर्मी के परिजनों को विभाग की तरफ से तुरंत ही दो लाख रुपये की आर्थिक मदद प्रदान की गई। इसके अलावा दाह संस्कार के लिए 20 हजार रुपए उन्हें मौके पर दिया गया। अंशुल तिवारी ने बताया कि विभागीय अधिकारियों की तरफ से थाने में बताया गया कि विभाग ने आर्थिक सहायता के तौर पर दो लाख रुपए का चेक परिजनों को दे दिया है।

आठ लाख रुपए अभी और मिलेगा

अधिशासी अभियंता सरीन अग्रवाल ने बताया कि परिवार को पूरी आर्थिक मदद की जाएगी। मौके पर ही आर्थिक मदद प्रदान कर दी गई है। साथ ही आने वाले दिनों में परिजनों का आठ लाख रुपए भविष्य निधि का पैसा दिया जाएगा। सभी कागज पत्र को एकत्रित कर लिया गया है। श्रम विभाग से चार लाख रुपए, दो लाख प्रधानमंत्री बीमा योजना के अंतर्गत और दो लाख रुपए बीमा का पैसा मिलेगा।

जांच के बाद पता चलेगा कैसे हुई चूक

अधिशासी अभियंता सरीन अग्रवाल ने बताया कि संविदा कर्मी शटडाउन लेकर काम करने गया था, लेकिन लाइन में करंट कैसे आया, यह जांच के बाद ही पता चल पाएगा। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक यदि संविदा कर्मी ने उपकरण का उपयोग किया होता तो जान बच सकती थी। पोल पर चढ़ने और लाइन दुरुस्त करने के दौरान संविदा कर्मी ने न तो हेलमेट का उपयोग किया और नहीं बेल्ट बांधा। जिससे करंट लगते ही जमीन पर वह आ गिरा।

Posted By: Inextlive