छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: टाटा स्टील जूलोजिकल पार्क में एक और बाघिन की मौत हो गई। एक सप्ताह पहले 18 मार्च को सात माह की मादा बाघ की भी इसी बीमारी से मौत हो गई थी। इस बार जिस बाघिन अहाना की मौत हुई है, उसका जन्म इसी चिडि़याघर में 28 अगस्त 2014 को शांति और राघव की जोड़ी से हुआ था। प्रबंधन के मुताबिक एक सप्ताह से अहाना की बेबिसिओसिस बीमारी का सिम्प्टोमैट्रिक ट्रीटमेंट चल रहा था, लेकिन दो-तीन दिन से उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी थी। अंतत: बीमारी की वजह से उसकी मौत हो गई। इसका पोस्टमार्टम आदित्यपुर के डॉ। देवाशीष देव, टाटा जू के डिप्टी डायरेक्टर डॉ। मानिक पालित, जू के कंसल्टेंट डॉ। वीके सिंह व डीएफओ सबा आलम अंसारी की देखरेख में किया गया। अब टाटा जू में पांच बाघ हैं, जिसमें दो को कोई बीमारी नहीं है, जबकि तीन की सेहत में सुधार हो रहा है।

भोपाल से आया था पहला जोड़ा

टाटा स्टील जूलोजिकल पार्क में बाघ का पहला जोड़ा बेन व श्यामली को भोपाल जू से लाया गया था। इनसे 22 दिसंबर 1999 को शांति व बसंती का जन्म हुआ। बाद में बसंती को रांची जू भेज दिया गया, जबकि शांति के लिए असम जू से राघव नामक बाघ को लाया गया। राघव व शांति से ही डोना का जन्म हुआ, तो बाद में राघव व डोना से विवान व अहाना का जन्म हुआ। विवान अभी सिलीगुड़ी के बंगाल सफारी में है।

Posted By: Inextlive