नए अंटार्कटिक स्टेशन भारती का निर्माण नेशनल सेंटर फार अंटारकटिक एण्ड ओशन रिसर्च एनसीएओआर गोवा की मदद से किया जा रहा है जिस पर करीब 230 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इस सेंटर में 35 साइंटिस्ट एवं 10 कर्मचारी रह सकेंगे.


अंटार्कटिक में इंडिया का तीसरा स्थायी स्टेशन भारती मार्च 2012 तक काम करना शुरू कर देगा. इससे भूकंप संबंधी हलचलों, जलवायु परिवर्तन और मेडिकल रिसर्च में काफी मदद मिलेगी. अंटार्कटिक में इंडिया के तीसरे स्थायी स्टेशन के पहले चरण का निर्माण कार्य पूरा हो गया है.  दूसरे चरण का काम इसी साल के सितंबर तक पूरा हो जाएगा और यह स्टेशन मार्च 2012 तक काम करने लगेगा.नए अंटार्कटिक स्टेशन भारती का निर्माण नेशनल सेंटर फार अंटारकटिक एण्ड ओशन रिसर्च (एनसीएओआर) गोवा की मदद से किया जा रहा है जिस पर करीब 230 करोड़ रुपये खर्च होंगे.  इस सेंटर में 35 साइंटिस्ट एवं 10 कर्मचारी रह सकेंगे.


अंटार्कटिक क्षेत्र में इससे पहले इंडिया ने दो स्टेशन लगाये हैं.  इनमें पहला दक्षिण गंगोत्री और दूसरा मैत्री है. दक्षिण गंगोत्री की स्थापना 1984 में की गई थी जबकि मैत्री की 1989-90 में. नए स्टेशन भारती को अंटार्कटिक के लार्समैन हिल में लगाया जा रहा है जो शिमाकर क्षेत्र से करीब 3,000 किलोमीटर दूर है, जहां मैत्री स्थित है.

आफीशिअल्स ने बताया कि नए अंटार्कटिक स्टेशन भारती के माध्यम से धु्रवीय क्षेत्र में समुद्री पारिस्थितिकी से जुड़े रेअर रिसर्चेज में मदद मिलेगी. भारती स्टेशन में ऐसी व्यवस्था की जा रही है जिसके माध्यम से सेटेलाइट इमेज रिसीव करने के साथ इसे इंडिया भेजा भी जा सकेगा. इंडिया पिछले तीन डेकेड्स से अंटार्कटिका में रिसर्च को आगे बढ़ा रहा है. अभी अंटार्कटिका के रिसोर्सेस का कोई देश दोहन नहीं कर सकता है. ये पूरी दुनिया की साझी धरोहर है.

Posted By: Divyanshu Bhard