RANCHI : रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में कार्यरत टेक्निशियन व कर्मचारी आजकल ज्यादा परेशान दिख रहे है। यह परेशानी उनके एक दिन की नहीं है बल्कि पांच दिनों से विभाग की मौजूदा व्यवस्था से कर्मचारी खफा हैं। इसका कारण है विभाग में एंथ्रेक्स की जांच में लापरवाही बरतना। एंथ्रेक्स की जांच में मानकों का ख्याल नहीं रखा रहा है। लैब में आने वाले मरीजों की जांच की जा रही है। जबकि लैब में रोजाना मरीज व उनके परिजन आकर अपनी रिपोर्ट जमा करते है। लेकिन इस दिशा में विभाग और प्रबंधन दोनों की नजरें नहंी पड़ रही है। लैब में हर रोज ख्00 लोग पहुंचते है। ऐसे में थोड़ी-सी भी लापरवाही महंगी पड़ सकती है। यहीं नहीं एंथ्रेक्स का वायरस लोगों को अपने गिरफ्त में भी ले सकता था। जबकि नमूने की जांच के दौरान कोई भी बाहरी व्यक्ति लैब में प्रवेश नहीं कर सकता है। कुछ दिन पहले सिमडेगा से एंथ्रेक्स के कुछ मामले रिम्स में आए थे। रिम्स में इसकी पुष्टि हुई थी। फिर से उन्हीं सैंपलों की जांच की जा रही है। यह हाल सिर्फ माइक्रोबायोलॉजी विभाग के बैक्टेरियोलॉजी विभाग का नहीं है बल्कि अधिकतर विभाग में इसी तरह की लापरवाही बरती जाती है। अक्सर जांच के दौरान मानकों का ख्याल नहीं रखा जाता है। न ही समय पर स्वाब की जांच कराई जाती है। यही कारण है कि कई बार ओटी, वार्ड और लैब में संक्रमित होने का मामला सामने आया है।

मार्च से जून तक बंटेगा राशन कार्ड

मुख्यमंत्री रघुवर दास के निर्देश के बाद खाद्य आपूर्ति विभाग रेस हो गया है। विभाग ने राज्य के जनवितरण प्रणाली के उपभोक्ताओं के बीच राशन कार्ड बांटने की प्रक्रिया मार्च से शुरू कर देने का दावा किया है। विभागीय सचिव डा। प्रदीप कुमार के अनुसार लगभग क्भ् लाख राशन कार्ड बनकर तैयार है। जून तक राज्य के सभी उपभोक्ताओं को राशन कार्ड मुहैया करा दिया जाएगा।

Posted By: Inextlive