- वाम नेताओं ने कहा जनता से किए वादे पूरी करे नीतीश सरकार

PATNA: संडे को भाकपा माले के राज्य कार्यालय में छह वाम दलों की संयुक्त बैठक हुई। सीपीआई, सीपीआईएम, भाकपा माले, एसयूसीआई, आरएसपी और फॉरवर्ड ब्लॉक के नेताओं ने भाग लिया। बिहार विधानसभा चुनाव के बाद यह वाम दलों की पहली संयुक्त बैठक थी। इस दौरान निर्णय लिया गया कि क् से म् दिसंबर तक राज्य भर में वामदलों का संयुक्त रूप से सांप्रदायिकता विरोधी अभियान चलेगा। वाम नेताओं ने कहा कि बिहार की जनता ने भाजपा गठबंधन को करारी शिकस्त दी है, इससे पूरे देश को राहत मिली है। वाम नेताओं ने यह भी कहा कि कॉरपोरेट भाजपा के खिलाफ विक्षोभ का फायदा ही महागठबंधन को मिला है। बैठक की अध्यक्षता सीपीआई के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह कर रहे थे।

वाम ब्लॉक को मिले क्ब् लाख वोट

मालूम हो कि विस चुनाव में वाम ब्लॉक को क्ब् लाख वोट आए हैं। इसके साथ ही विधानसभा में इसकी संख्या बढकर एक से तीन भी हो गयी है। वाम नेताओं ने कहा कि जनादेश ने सांप्रदायिकता फैलाने की कोशिश को नाकाम किया है। मौके पर वाम नेताओं ने जनता को इसके लिए धन्यवाद दिया।

आंदोलनकारी नेताओं पर बढ़ रहे मुकदमे

वाम नेताओं ने कहा कि नयी सरकार से बिहार को काफी उम्मीदें हैं। नीतीश की सरकार किन नीतियों पर आगे बढ़ती है इस पर जनता की कड़ी निगाह होगी। साथ ही बैठक के दौरान यह सवाल भी उठा कि आखिर वो कौन सी मजबूरियां हैं कि अब तक लालू नीतीश की सरकार ने भूमि सुधार के एजेंडे को लागू तक नहीें किया। वाम नेताओं ने सवाल किया कि आखिर कब बिहार की गरीब दलित जनता को न्याय मिलेगा। बैठके के दौरान यह बात भी सामने आयी कि आंदोलनकारी वाम नेताओं पर फर्जी मुकदमे किए जा रहे हैं। उन्हें जेल में डाला जा रहा है। निर्णय लिया गया कि फर्जी मुकदमे की वापसी के लिए वाम दल संयुक्त रूप से आंदोलन करेंगे।

ये थे मौजूद

वाम नेताओं में से माले के राज्य सचिव कुणाल, सीपीएम के राज्य सचिव अवधेश कुमार, केडी यादव, विजय कांत ठाकुर, अरुण कुमार मिश्रा, एमके पाठक, अशोक कुमार, महेश प्रसाद सिंह सहित कई वाम नेता मौजूद थे।

Posted By: Inextlive