- यूनिवर्सिटी ने कॉलेजों से मांगी रैगिंग संबंधी जानकारी

- एंटी-रैगिंग सेल के हैड की देनी होगी पूरी जानकारी

- कॉलेज के प्रिंसीपल और स्टूडेंट्स की संख्या बतानी होगी

AGRA। डॉ। बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी में काम टाइम पर नहीं होते हैं। यहां न एग्जाम टाइम पर होते हैं और न रिजल्ट निकलता है। हर बार की तरह इस साल भी यही हुआ। अभी तक जहां कोर्सेज के रिजल्ट नहीं निकले हैं वहीं, यूनिवर्सिटी को चार महीने बाद शुरू होने वाले सेशन की चिंता अभी से सता रही है। इसके लिए बाकायदा कॉलेजों से एंटी-रैगिंग कमेटी की जानकारी मांगी गई है। कॉलेजों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं।

ऐसा सिर्फ यहीं होता है

अंबेडकर यूनिवर्सिटी में जो हो जाए वो कम है। यहां रिजल्ट समय से नहीं मिलते, एग्जाम्स भी समय से शुरू नहीं होते। सेशन भी हर साल लेट हो जाता है। अव्यवस्थाओं के चलते नैक की टीम को पिछले दो सालों से निरीक्षण के लिए नहीं बुलाया गया है। एग्जाम्स वाले दिन सुबह ही स्टूडेंट्स को उनके एडमिट कार्ड मिलते हैं वो भी अधूरे, लेकिन चार महीने बाद शुरू होने वाले सेशन में होने वाली रैगिंग से बचने के उपाय अभी से तलाशे जा रहे हैं।

जारी कर दिए गए नोटिस

अंबेडकर यूनिवर्सिटी से म्00 से ज्यादा कॉलेज संबद्ध हैं। हर कॉलेज को यूनिवर्सिटी द्वारा नोटिस जारी किया गया है। यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर भी यह इंपोर्टेट नोटिस का लिंक डाला गया है। इसमें सभी कॉलेजों से जानकारी मांगी गई है कि उनके यहां रैगिंग रोकने के लिए क्या इंतजाम किए जाएंगे।

कॉलेजों को बनानी होगी एंटी-रैगिंग सेल

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हर कॉलेज को अपने यहां रैगिंग रोकने के लिए एंटी-रैगिंग सेल बनाना होगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, कॉलेज को अपने यहां ऐसे स्टूडेंट्स को भी प्वॉइंट आउट करना होगा, जिन्हें रैगर्स की श्रेणी में रखा जाए। इस सेल में मीडिया और सिविल सोसायटी के कुछ लोगों को भी शामिल करना होगा। अगर कोई स्टूडेंट रैगिंग करता हुआ पकड़ा जाता है तो उस पर कॉलेज ख्भ् हजार रुपये का जुर्माना लग सकता है या तीन साल तक सजा भी हो सकती है।

मेन कॉलेजों में बनी है सेल

सिटी के कुछ मेन कॉलेजों, जैसे आगरा कॉलेज, सेंट जोंस कॉलेज, एसएन मेडिकल कॉलेज आदि इंस्टीट्यूशंस में एंटी-रैगिंग सेल बनी हुई है। इस सेल में कॉलेज के ही कुछ प्रोफेसर्स को शामिल किया जाता है।

यूजीसी ने भी मांगा ब्यौरा

रैगिंग के बारे में यूनिवर्सिटी से यूजीसी ने ब्यौरा मांगा है। अभी यूजीसी ने हर यूनिवर्सिटी से जानकारी मांगी है। बाकी की यूनिवर्सिटी में तो नए सेशन समय से शुरू हो जाएंगे लेकिन अंबेडकर यूनिवर्सिटी का नया सेशन सितंबर के बाद ही शुरू हो पाएगा।

इन प्वॉइंट्स पर मांगी जानकारी =

- कॉलेज का नाम

- कॉलेज में स्टूडेंट्स की संख्या

- कॉलेज के हैड का नाम, पता, फोन नंबर, ईमेल आईडी, फैक्स नंबर आदि

- रैगिंग कमेटी का हैड कौन है

- कॉलेज का सेकेंड इंचार्ज कौन है

- इन लोगों के नाम, पता,फोन नंबर, ईमेल आईडी से लेकर उनके लैंड लाइन नंबर तक मांगे गए हैं।

'हमारे यहां एंटी-रैगिंग सेल काफी स्ट्रांग है। अगर हमारे पास इस तरह की कोई सूचना आती है तो हम तुरंत उस पर एक्शन लेते हैं। अभी फिलहाल यूनिवर्सिटी की तरफ से मांगी गई जानकारी को हम पूरी तरह से देंगे.'

- डॉ। अमित अग्रवाल, मीडिया कॉर्डीनेटर, आगरा कॉलेज

'हमारे एसएन में भी एंटी-रैगिंग सेल काम करता है। हर साल इस सेल को और स्ट्रांग बनाने का काम किया जाता है। नए सेशन में भी यह होगा.'

- डॉ। अजय अग्रवाल, प्रिंसीपल, एसएन मेडिकल कॉलेज

Posted By: Inextlive