-जल्द होगी 600 कमांडो की भर्ती, अमौसी में तैयार है ट्रेनिंग सेंटर

-मौके पर पहुंचने के लिए हेलीकाप्टर की भी मदद लेने पर मंथन

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LUCKNOW: प्रदेश के खूंखार बदमाशों और आतंकियों की अब खैर नहीं, क्योंकि आने वाले समय में अब मुठभेड़ हुई तो उनका सामना पुलिस के जवानों से नहीं बल्कि एटीएस के कमांडो से होगा। प्रदेश में एटीएस को मजबूत करने के लिए यह कदम उठाया गया है। इसका प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है। हरी झंडी मिलते ही यूनिट में फ्रेश रंगरूटों की भर्ती होगी। इन रंगरूटों की कमांडो ट्रेनिंग के लिये अमौसी एरिया में बन रहे ट्रेनिंग सेंटर का काम भी लगभग पूरा हो चुका है। प्रस्ताव को लेकर विभाग कितना गंभीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह किसी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिये आर्मी की मदद लेने की भी सोच रहा है।

600 फ्रेश रिक्रूट्स होंगे भर्ती

डीजीपी कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक डीजीपी जावीद अहमद ने एटीएस के आईजी असीम अरुण को एटीएस को और मजबूत करने के साथ उसकी जरूरतों और इन्हें किस तरह युटिलाइज किया जाए, इसके लिए प्लान बनाने को कहा है। एटीएस के कमांडो का इस्तेमाल ना सिर्फ टेररिस्ट एक्टिविटी के लिए बल्कि प्रदेश में होने वाली दूसरी बड़ी घटनाओं जिसमें किसी की जान को खतरा हो, में भी एटीएस के कमांडो की सेवाएं ली जाएंगी। सूत्रों की मानें तो प्रदेश के अलग-अलग जिलों में हो पुलिस पर हमलों में भी कमांडों की मदद ली जा सकेगी।

अनौरा में दी जाएगी ट्रेनिंग

एटीएस में रिक्रूट होने वाले जवानों को एटीएस के नये ट्रेनिंग सेंटर पर ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए अमौसी एयरपोर्ट के पास अनौरा में एटीएस का कमांडो ट्रेनिंग सेंटर तैयार है। आईजी एटीएस असीम अरुण की मानें तो आने वाले कुछ दिनों में ही एटीएस के कमांडो को ट्रेनिंग दी जा सकेगी। उन्होंने बताया कि एटीएस के पास संसाधनों की कोई कमी नहीं है। जरूरत कमांडोज को ट्रेंड करने की है जिस पर तेजी से काम किया जा रहा है।

आर्मी से समझौते की कोशिश

सूत्रों की मानें तो एटीएस कमांडो को जल्द से जल्द अप्रिय स्थिति वाली जगह पर पहुंचाने के लिये आर्मी से समझौते की कोशिश की जा रही है। जल्द से जल्द रेस्क्यू हो सके इसके लिए आर्मी से समझौते पर भी विचार चल रहा है। आर्मी के हेलीकाप्टर को यूज करने के लिए एक प्रस्ताव पहले शासन को भेजा जाएगा, फिर मुख्यमंत्री स्तर पर गृह मंत्रालय से अनुरोध किया जाएगा। वर्तमान में नेशनल सिक्योरिटी गा‌र्ड्स (एनएसजी)का ही आर्मी से समझौता है। जिससे मौके पर पहुंचने के लिये यह गा‌र्ड्स आर्मी के संसाधनों का प्रयोग करते हैं।

उधार से चल रहा था काम

वर्तमान में यूपी एटीएस के पास बेहद उत्कृष्ट क्वालिटी के हथियार व अन्य उपकरण तो हैं लेकिन, अपना मैन पावर नहीं है। इसी वजह से पीएसी व यूपी पुलिस के जवानों को डेप्युटेशन पर तैनात किया जाता है और उन्हें ट्रेनिंग देकर एटीएस का काम चलाया जा रहा है। ताजा प्रस्ताव के मंजूरी मिलते ही एटीएस के पूर्णतय: अपने कर्मी होंगे। जिन्हें ट्रेनिंग देने के बाद उनसे लंबे समय तक काम लिया जा सकेगा।

Posted By: Inextlive