अंतिम हिट मराठी फिल्म मुल्शी पैटर्न का हिंदी रीमेक है। महेश मांजरेकर गैंगस्टर फिल्म बनाने में माहिर रहे हैं। उनकी वास्तव फिल्म को कौन भूल सकता है। अंतिम फिल्म में भी उस फिल्म का हैंगओवर नजर आया है। अपनी पिछली फिल्म की तुलना में आयुष ने मेहनत की है। लेकिन पुराने अंदाज की कहानी की वजह से फिल्म आकर्षित नहीं कर पाती है। सलमान खान की मौजूदगी के बावजूद फिल्म को खास नहीं बना पाती है। पढ़ें पूरा रिव्यू।

फिल्म : अंतिम : द फाइनल ट्रुथ
कलाकार: आयुष शर्मा, महिमा मकवाना, महेश मांजरेकर, सचिन, सलमान खान
निर्देशक : महेश मांजरेकर
रेटिंग : दो स्टार

क्या है कहानी
एक बेटा (राहुल) है, जो अपने मजबूर पिता, जो कि एक किसान है, उसकी जमीन पर धोखे से ठेकदारों ने कब्जा किया है। उससे यह सब बर्दाश्त नहीं होता है और वह गलत रास्ते से ही सही, लेकिन तय करता है कि वह एक दिन बड़ा आदमी बनेगा और सबसे बदला लेगा। इसी क्रम में वह पुणे शहर आता है। वहां वह गैंगस्टर के घिनौने खेल में फंस जाता है। इन सबके बीच वॉच डॉग की तरह एक सरदार पुलिस वाला है, जिसे सब पता है। लेकिन वह कुछ कर नहीं पाता है। फिर वह महाभारत के तर्ज पर एक रास्ता अपनाता है। अब इसके बाद राहुल की जिंदगी में क्या ट्विस्ट आते हैं। यही कहानी का सार है। राहुल एक बड़ा गैंगस्टर तो बन जाता है, लेकिन उसे अपने पिता का प्यार और इज्जत नहीं मिलती, इसकी वजह से वह कभी लाइफ में खुश नहीं रह पाता है। इन सबके बीच जब राहुल लौट के आने की कोशिश करता है। उसके लिए रास्ता आसान नहीं
होता है। फिल्म में किसानों की समस्या को सतही तरीके से ही उठाया गया है। फिल्म में खूब एक्शन के साथ साथ एक लव स्टोरी भी है। लेकिन फिल्म ट्रेजडी वाली फिल्म बन कर अधिक रह जाती है।

क्या है अच्छा
कुछ डायलॉग अच्छे हैं। आयुष का रस्टिक अंदाज प्रभावित करता है। थोड़ा ह्यूमर टच भी निर्देशक ने दिया है। वरुण धवन का एक सांग परफॉर्मेंस अच्छा है।

क्या है बुरा
पुरानी कहानी कहने का अंदाज, एक्शन का पुराना अंदाज, बिना लॉजिक के सीक्वेंस, वास्तव फिल्म का काफी हैंग ओवर नजर आया है।

अभिनय
महिमा ने कम दृश्यों में भी प्रभावित किया है, उन्हें आगे और मौके मिलने चाहिए। आयुष ने मेहनत की है। लेकिन अभी भी उन्हें डायलॉग डेलिवरी के साथ साथ अपने एक्सप्रेशन पर काम करना होगा। कुछ दृश्यों में बेहद कांसस और लाउड भी नजर आए हैं। सलमान खान को देख कर ऐसा लगा है मानो उन्होंने जान बूझ कर अंडर प्ले किया है। महेश और सचिन के लिए कुछ खास करने को था नहीं।

वर्डिक्ट: एक्शन प्रिय दर्शकों के लिए भी नए जैसा कुछ नहीं है।

Review by: अनु वर्मा

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari