- आर्किटेक्ट पैनल को दिया गया है आदेश, बिना भूकंप रोधी नहीं बनेगा नक्शा

- सौ के आसपास तैयार पैनल में से अब तक एक के पास भी पटनाइट्स नहीं आए नक्शा बनवाने

- रिक्टर स्केल पर बढ़ रहे भूकंप की तीव्रता को देखने के बाद लिया गया निर्णय

- कमिश्नर की ओर से भूकंप रोधी नक्शा ही किया जाएगा पास

PATNA : अब आर्किटेक्ट जो भी नक्शा बनाएगा उसे भूकंप गिरा नहीं सकता है। यह भरोसा नगर निगम की ओर से तय आर्किटेक्ट पैनल ने दिलाया है। यह भरोसा कमिश्नर के पास आर्किटेक्ट ने दिया है। अब तक जितने भी नक्शे पटना शहर में बनाए गए हैं उसमें भूकंप रोधी नियम को बाइपास किया गया है। साथ ही जैसे-तैसे बिल्डिंग का निर्माण कर दिया गया है। अब ऐसा नहीं होगा। निगम के नए आर्किटेक्ट पैनल अब इसमें थोड़ी भी लापरवाही नहीं करने वाले हैं। तत्कालीन निगम कमिश्नर जय सिंह ने पैनल के साथ यह बात की थी तो इस पर आर्किटेक्ट ने भरोसा दिलाया था कि वो नक्शे में इसकी जिक्र करेंगे। यह भी बात हुई कि अब जो भी नक्शा आएगा अगर वो भूकंप रोधी नहीं है तो उसे आगे नहीं बढ़ाया जाएगा और न ही पास किया जाएगा।

अब तक बनी बिल्डिंग भूकंप के निशाने पर

आर्किटेक्ट बताते हैं कि अब तक शहर के अंदर बनी बिल्डिंग में भूकंप रोधी को बाइपास कर बनाया गया है। इस वजह से भूकंप का तेज झटका आया तो कई बिल्डिंग जमींदोज हो सकती है। नए मास्टर प्लान में अब जो भी नक्शा बनाया जाएगा उसमें इसका पूरा ख्याल रखा जाएगा कि किस तरह से बिल्डिंग को भूकंप से बचाया जा सके। पैनल के आर्किटेक्ट अभिषेक की मानें तो स्ट्रक्चरल डिजाइन को फालो करते हुए ही नक्शा बनाया जाता है। उसमें भूकंप रोधी का भी जिक्र होता है। यह टेक्निकल बात है इसलिए आम लोगों को थोड़ा कम समझ में आएगा।

एक्सपर्ट पैनल को समझाना होगा

नक्शा बनाने वाले आर्किटेक्ट की असल परीक्षा निगम कमिश्नर के साथ के एक्सपर्ट पैनल लेंगे और आर्किटेक्ट को उन्हें बताना होगा। पैनल को यह दिखाना होगा कि किस तरह से स्ट्रक्चरल डिजाइन को फालो करते हुए कंस्ट्रक्शन को पूरा किया गया है। जानकारी हो कि आर्किटेक्ट नक्शा तो पास करेगा मगर उसे पास करने का अधिकार सिर्फ निगम कमिश्नर के जिम्मे होगा।

भूकंप रोधी के कोड का जिक्र

डिजाइन बनाने के दौरान आर्किटेक्ट को यह लिखना होगा जो नक्शा बनाया गया है वो पूरी तरह से स्ट्रक्चरल नॉ‌र्म्स को फालो करता है। आर्किटेक्ट वेंकटेश रमण ने बताया कि स्ट्रक्चरल डिजाइन में कोड बार को फालो किया जाता है। जिसका जिक्र नक्शा में किया जाएगा। साथ ही नक्शे के नीचे भी लिखा जाएगा कि बिल्डिंग पूरी तरह से भूकंप रोधी है।

स्ट्रक्चरल डिजाइन में कोड बार को फालो किया जाता है जिसका जिक्र नक्शा में किया जाएगा। यह पब्लिक के समझ में नहीं आएगा लेकिन इसे बनाए बिना नक्शा पास नहीं होगा।

- वेंकटेश रमण, पैनल आर्किटेक्ट

अब नगर निगम से जो नक्शा पास किया जाएगा उसमें ख्याल रखा जाएगा कि नक्शा भूकंप रोधी हो। जिस नक्शे में इसका जिक्र होगा उसे ही पास किया जाएगा।

- शीर्षत कपिल अशोक, निगम कमिश्नर

Posted By: Inextlive