- सीजेएम कोर्ट में पेश होगा बंगला नंबर 210 बी हादसे का मुख्य आरोपी -मलबे में दबकर चार लोगों की हो गई थी मौत

-कैंट बोर्ड का मुख्य अधिशासी अभियंता है आरोपी, पांच और नामजद

-9 जुलाई को हादसे के बाद देर रात्रि पुलिस ने की थी गिरफ्तारी

Meerut: बंगला नंबर 210 बी के ध्वस्तीकरण के दौरान हुए हादसे के आरोपी कैंट बोर्ड के मुख्य अधिशासी अभियंता (सीईई) अनुज सिंह को आज (बुधवार) सीजेएम कोर्ट में पेश किया जाएगा। अनुज सिंह पर तामील की गई धाराओं के संबंध में सीजेएम सुनवाई करेंगे। बता दें कि वादी जितेंद्र शर्मा की तहरीर पर थाना सदर में अनुज सिंह समेत छह आरोपियों के खिलाफ हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज है।

कोर्ट में पेश होगी पुलिस

बेहद लापरवाही के चलाए गए ध्वस्तीकरण अभियान के दौरान बंगला नंबर 210 बी पर निर्मित अवैध आरआर मॉल के मलबे में दबकर बीते शनिवार दीपक शर्मा नॉन वाले, उनके बेटे हनी शर्मा, होमगार्ड ओमवीर सिंह, मजदूर लवकुश चार लोगों की मौत हो गई जबकि एक अन्य मजदूर गंभीर घायल है। पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में चलाए गए ध्वस्तीकरण अभियान में कैंट बोर्ड के अधिकारियों की लापरवाही उजागर हुई। हृदय विदारक हादसे के बाद शहर की आवाम सड़क पर आ गई और पुलिस को मजबूरन नामजद आरोपी अनुज सिंह को गिरफ्तार करना पड़ा। रविवार को पुलिस ने एसीजेएम 10 की कोर्ट में पेश किया जहां अनुज सिंह के वकीलों ने हत्या की धारा को हटाकर 304 ए तामील करने की वकालत की जिसे जज ने खारिज कर दिया और 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। स्थिति सामान्य होने के बाद पुलिस अब आरोपी पर दर्ज धाराओं को सीजेएम के समक्ष पेश करने वाली है। एसओ थाना सदर गजेंद्र सिंह यादव सीजेएम कोर्ट में पेश होकर पुलिस का पक्ष रखेंगे।

तामील रहेगी धारा 302

अनुज सिंह के वकील कोर्ट में हत्या के आरोप की मुखालफत करेंगे और धारा 302 के बजाय 304 ए तामील करने के लिए कोर्ट में जिरह करेंगे। कानूनी जानकारों की माने तो 302 धारा ही लगी रहेगी। एडवोकेट अनिल बख्शी ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का जिक्र करते हुए कहा कि सलमान खान हिट एंड रन कांड के बाद कोर्ट से साफ कहा कि इस तरह के हादसों में आरोपी की भूमिका को न की कम किया जा सकता है और न ही नकारा जा सकता है। ऐसे में धारा 302 ही तामील रहनी चाहिए। शासकीय अधिवक्ता एसबी यादव ने कहा कि सीजेएम कोर्ट में अनुज सिंह की धाराओं पर बहस होगी।

शासन ने ली जानकारी

9 जुलाई को मेरठ में हुए गंभीर हादसे पर सरकार की नजर है। एडीएम प्रशासन और प्रभारी जिलाधिकारी दिनेश चंद्र ने बताया कि संपूर्ण घटनाक्रम की जानकारी शासन को दे दी गई है। मुख्यमंत्री राहत कोष से मुआवजे को लेकर भी एक सिफारिशी पत्र जिला प्रशासन की ओर से सीएम ऑफिस को भेजा गया है। जल्द ही मुआवजा राशि की घोषणा हो जाएगी। वहीं बता दें कि शासन स्तर पर भी इस प्रकरण की जांच हो रही है। पुलिस-प्रशासन और कैंट बोर्ड प्रशासन की भूमिका का अध्ययन सरकार कर रही है।

दर्ज कराएं बयान

एडीएम एफआर गौरव वर्मा ने बताया कि डीएम के निर्देश पर बंगला नंबर 210 बी मजिस्ट्रीयल जांच के लिए उन्हें नामित किया गया है। कोई भी व्यक्ति घटना के सम्बंध में कोई साक्ष्य मौखिक एवं लिखित रूप से देना चाहता है तो वह 20 जुलाई की सायं 5 बजे तक किसी भी कार्यदिवस में कार्यालय में उपस्थित होकर उसे प्रस्तुत कर सकता है।

Posted By: Inextlive