RANCHI: झारखंड फिल्म तकनीकी एडवाइजरी कमिटी के चेयरमैन अनुपम खेर ने गोवा में हो रहे इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवार्ड में शामिल होने से इनकार कर दिया है। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार वर्णवाल ने 24 नवम्बर को होने वाले झारखंड दिवस पर कार्यक्रम में अनुपम खेर को सम्मिलित होने का न्योता भेजा था जिसे लेकर फिल्म तकनीकी एडवाइजरी कमिटी के सदस्य आरपी मिश्रा मुंबई स्थित अनुपम खेर के घर पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने बताया कि अनुपम खेर के मैनेजर ने उन्हें साफ इनकार करते हुए कहा कि झारखंड से कोई वास्ता नहीं है। विदित हो कि झारखंड दिवस पर राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ फिल्म जगत के कई नामचीन कलाकारों को शामिल होना है। इस समारोह से झारखंड राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर काफी ख्याति प्राप्त होगी। इस बीच अनुपम खेर के इनकार के बाद उन्हें अध्यक्ष पद से हटाने की मुहिम तेज हो गई है।

खेर की फिल्म को 1.40 करोड़ सब्सिडी

अनुपम खेर की फ्लॉप फिल्म रांची डायरीज को 1.40 करोड़ की सब्सिडी मिली है। उनकी फिल्म में काम करने वाली कलाकार सौंदर्या शर्मा को झारखंड अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड दिया गया है। परदे के पीछे चर्चा तेज है कि इसके लिए अनुपम खेर का प्रभाव मुख्य कारण रहा है। इसके बावजूद राज्य से सरोकार ना होने की बात अफसरशाही को चूभ गई है।

आईफा में झारखंड की जबरदस्त धमक

आईफा में इस बार झारखंड की जबरदस्त धमक है। गोवा में हो रहे इस समारोह में झारखंड में बनी फिल्में दिखाई जा रही हैं। साथ ही आईफा बुक में भी इनका बेहतरीन तरीके से प्रदर्शन किया जा रहा है।

खेर की खामोशी से फिल्म पॉलिसी डेड

एडवाइजरी कमिटी का गठन 2016 में किया गया। इसके बाद कुछ बैठकें ही हो पाई लेकिन वर्ष 2017 से बैठकें होनी पूरी तरह बंद हो गई हैं। इस कारण फिल्म पालिसी डेड होकर रह गई हैं। कमिटी के कुछ सदस्यों के सहयोग से जैसे-तैसे फिल्मों को सब्सिडी दी जा रही है लेकिन करीब 1000 से अधिक फिल्में अधर में लटकी हैं।

वर्जन

राज्य की एडवाइजरी कमिटी का चेयरमैन स्थानीय होना चाहिए। साथ ही फिल्म निर्माण से संबंधित तकनीकी मामलों का जानकार भी होना चाहिए। तभी झारखंड की फिल्म पॉलिसी को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल पाएगी और बाहर के लोग राज्य में बेहतरीन फिल्मों का निर्माण करेंगे।

आरपी मिश्रा, एडवाइजरी कमिटी

ग्लैमर और बड़े नामों को अध्यक्ष के पद पर बिठाने से कोई विशेष लाभ प्राप्त नहीं होगा। राज्य का स्थानीय कलाकार और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान प्राप्त व्यक्ति को ही चेयरमैन के पद पर बिठाया जाना चाहिए।

पदमश्री मुकुंद नायक, एडवाइजरी कमिटी

Posted By: Inextlive