- बेटी को बेटे से बेहतर मानते हैं व्यापारी दंपत्ति

BAREILLY: ताइक्वांडो में अपने आउट साइड हैमर और इन साइड हैमर से धूल चटाने वाली अपराजिता अपने पेरेंट्स की उम्मीदों की जीत है। उसके पेरेंट्स उसे हर मुकाबले में जीतते हुए देखना चाहते हैं। कई मेडल्स जीत चुकी अपराजिता भी अपने पेरेंट्स को कभी भी निराश नहीं करती है और उन्हें जीतकर खुशी के पलों का अहसास कराती है। शायद यही वजह है कि कभी भी उसके पेरेंट्स को बेटे की कमी महसूस नहीं हुई और वह अपराजिता में अपना संसार बसाए हुए हैं।

माता-पिता की है दुलारी

पेशे से व्यवसायिक माधव गुप्ता सिविल लाइंस के रहने वाले हैं। उनकी पत्नी शुचि गुप्ता क्यारा ब्लॉक के रहमानपुर गांव में हेड मास्टर हैं। माधव गुप्ता ने बताया कि जब अपराजिता का जन्म हुआ। तब से जैसे उनके घर में जैसे मां लक्ष्मी का का प्रवेश हो गया है। एकलौती बेटी अपराजिता को बहुत ही प्यार करते हैं। उन्होंने बताया कि बेटी को कभी भी किसी चीज की कमी महसूस नहीं होने देते हैं। वहीं शुचि गुप्ता ने कहा कि उन लोगों ने कभी नहीं सोचा कि उन्हें बेटा नहीं है। अपराजिता ही उनका बेटा है। उन्होंने बेटी को बेटे से बेहतर बताते हुए कहा कि आज लड़कियां हर किसी भी क्षेत्र में लड़कों से पीछे नहीं है।

पेरेंट्स के लिए जीते मेडल्स

ताइक्वांडो में दो बार की यूपी गोल्ड मेडलिस्ट, उत्तराखंड गोल्ड मेडलिस्ट और केवीएस नेशनल सिल्वर मेडल विजेता अपराजिता नेहरू युवा केंद्र स्थित स्पार्क एकेडमी में ट्रेनर विमल मिश्रा की देखरेख में ट्रेनिंग कर रही हैं। अपराजिता ने बताया कि उन्होंने पेरेंट्स के लिए मेडल्स जीते हैं। पेरेंट्स से जो हौंसला मिलता है। वही उन्हें जीत दर्ज करने के लिए प्रेरित करता है। अब वह नेशनल लेवल पर गोल्ड जीतना चाहती हैं।

Posted By: Inextlive