- राशन डीलर उपभोक्ताओं को नहीं दे रहे हैं उनके हक का राशन

- योजना के तहत 10 किलो गेहूं और 5 किलो अनाज देने का है प्रावधान

ROORKEE (JNN) : राशन डीलर एपीएल उपभोक्ताओं के 'हक ' पर डाका डाल रहे हैं। राज्य खाद्य योजना में प्रत्येक कार्डधारक को क्0 किलो गेहूं और पांच किलो चावल मुहैया कराने का प्रावधान है, लेकिन अधिकांश डीलर आठ किलो गेहूं दे रहे हैं। उपभोक्ताओं का आरोप है कि इसकी शिकायत पर भी पूर्ति विभाग डीलरों के विरुद्ध कार्रवाई से अब तक बचता ही रहा है।

कोटा कम आने की करते हैं बात

रुड़की शहर और ब्लॉक में क्क्0 राशन की दुकानें हैं। इनसे 9फ्,7ख्म् एपीएल उपभोक्ता जुड़े हैं। आम उपभोक्ताओं की शिकायत है कि डीलर उन्हें योजना अनुरूप खाद्यान्न मुहैया नहीं करा रहे हैं। नियमानुसार उपभोक्ताओं को क्0 किलो गेहूं और पांच किलो चावल मिलना चाहिए, लेकिन डीलर आठ किलो गेहूं ही दे रहे हैं। इसकी शिकायत पर डीलर ऊपर से ही कोटा कम आने की बात कह रहे हैं। पूर्ति विभाग से शिकायत पर भी बेलगाम डीलरों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं होती है।

दो दिन ही बांटते हैं राशन

आरोप यह भी है अधिकांश डीलर समय से दुकान नहीं खोलते। महीने में एक-दो दिन खाद्यान्न बांटने के बाद ही कोटा खत्म होने की जानकारी दे दी जाती है। विलंब से खाद्यान्न को पहुंचने वाले सस्ते राशन से वंचित रह जाते हैं। इस मामले में पूर्ति विभाग का तर्क जुदा है। पूर्ति निरीक्षकों का कहना है कि एपीएल कार्डधारकों की संख्या तो बढ़ रही है, लेकिन उसके अनुरूप कोटा नहीं मिल रहा है। लिहाजा कोटे में कटौती की जा रही है।

राशन बटवारे में अंधेरगर्दी

'राशन डीलर एक तो समय से दुकान नहीं खोलते। खाद्यान्न मिलता भी है तो कोटे में कटौती की जा रही है.'

-रमन प्रतीक सिंह, उपभोक्ता

'योजना के तहत दस किलो गेहूं मिलना चाहिए, लेकिन डीलर आठ किलो ही गेहूं देते हैं। इसका विरोध करने पर अभद्रता से भी बाज नहीं आते.'

- सौरभ सिंह, उपभोक्ता

'उपभोक्ताओं के हक पर डाका डाला जा रहा है। पूर्ति विभाग का रवैया भी उदासीन है.'

- जतिन अरोड़ा, उपभोक्ता

'एक तो पहले ही खाद्यान्न की मात्रा कम है ऊपर से इसमें कटौती की जा रही है। पूर्ति विभाग को बेलगाम डीलरों के विरुद्ध कार्रवाई करनी चाहिए.'

- आकाश खुराना, उपभोक्ता

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'उपभोक्ताओं के अनुरूप खाद्यान्न कोटा न मिलने से थोड़ी समस्या है। उपभोक्ताओं को तय कोटे के अनुरूप खाद्यान्न मिले इसके प्रयास किए जाएंगे.'

- एमएस रावत, एआरओ, रुड़की

Posted By: Inextlive