- स्वच्छता एप डाउनलोडिंग की भी स्थिति बहुत अच्छी नहीं

- अभी तक 10 हजार एप ही डाउनलोड हो सकें, लक्ष्य 61 हजार

LUCKNOW :

स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 के शुरू होने में अब सिर्फ चार दिन शेष रह गए हैं और आलम यह है कि अभी तक स्वच्छता एप डाउनलोडिंग मामले के आंकड़े बहुत बेहतर नहीं कहे जा सकते हैं। आलम यह है कि अभी तक स्वच्छता एप डाउनलोडिंग का आंकड़ा 10 से 12 हजार ही पहुंच सका है। जिससे साफ है कि अगर अगले चार दिन में एप डाउनलोडिंग की रफ्तार में तेजी नहीं लाई गई तो निश्चित रूप से स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में निगम के अंक कटना तय हैं। जिसका असर सीधे शहर की रैंकिंग पर पड़ेगा।

प्रचार प्रसार में कमी

स्वच्छता एप को लेकर जनता में जागरुकता की कमी साफ झलक रही है। आलम यह है कि 60 फीसदी जनता स्वच्छता एप के बारे में जानती ही नहीं है। इसकी वजह से एप डाउनलोडिंग के आंकड़े में कोई खास सुधार नहीं हो रहा है। जबकि नगर आयुक्त उदयराज सिंह की ओर से कई बार निर्देश दिए जा चुके हैं कि सभी जोनल अधिकारी अपने-अपने जोन में जनता को स्वच्छता एप के बारे में जानकारी दें और एप को उनके मोबाइल पर डाउनलोड कराएं। शुरुआत में तो इसका असर देखने को मिला, लेकिन गुजरते वक्त के साथ स्थिति जस की तस होती गई।

अब सिर्फ 4 दिन शेष

स्वच्छता सर्वेक्षण के शुरू होने में सिर्फ 4 दिन शेष रह गए हैं। आलम यह है कि अभी तक 10 से 12 हजार एप ही डाउनलोड हो सके हैं। निगम अधिकारियों को करीब 61 हजार स्वच्छता एप डाउनलोड कराने हैं। इस लक्ष्य को हासिल करने के बाद ही सर्वेक्षण में निगम को शत प्रतिशत अंक मिलेंगे, अगर लक्ष्य हासिल नहीं हुआ तो सर्वेक्षण में होने वाली माइनस मार्किग से भी निगम को नुकसान उठाना पड़ेगा।

ये हैं एप फायदे

स्वच्छता एप के माध्यम से कोई भी व्यक्ति गंदगी, कचरा न उठने आदि की शिकायतें सीधे कर सकता है। इसके लिए उसे निगम जाने की जरूरत नहीं है। इतना ही नहीं, अगर कोई शिकायत आती है तो उसका निस्तारण करने के बाद निगम अधिकारियों को उसकी जानकारी एप में देनी होगी।

देर से शुरूआत

स्वच्छता एप के प्रति जनता को जागरुक करने में निगम की ओर से काफी देर कर दी गई है। समय-समय पर निगम अधिकारियों की ओर से प्रचार तो शुरू कराया गया, लेकिन जनता तक एप का संदेश नहीं पहुंच सका। हाल में ही निगम की ओर से स्वच्छता एप को लेकर एक ऑडियो भी जारी किया, हालांकि इसके बाद भी कोई खास असर देखने को नहीं मिल रहा है।

एक वजह यह भी

दरअसल, स्वच्छता एप के माध्यम से सिर्फ और सिर्फ गंदगी और कचरे से जुड़ी शिकायतें ही दर्ज कराई जा सकती हैं। इस एप के माध्यम से जनता आवारा जानवर या अन्य कोई समस्या अपलोड नहीं कर सकती है। अन्य समस्याओं के ऑप्शन न होने से भी जनता एप को डाउनलोड नहीं कर रही है। हालांकि इस बिंदु पर निगम की ओर से कोई कदम भी नहीं उठाया जा सकता है।

अपर नगर आयुक्त पीके श्रीवास्तव से सीधी बातचीत

प्रश्न-स्वच्छता एप डाउनलोडिंग की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है, क्या वजह है?

उत्तर-स्वच्छता एप को लेकर जनता को निरंतर जागरुक किया जा रहा है।

प्रश्न-एप डाउनलोडिंग का लक्ष्य 61 हजार है, अभी तक 10 से 12 हजार ही एप डाउनलोड हुए?

उत्तर-प्रयास जारी है कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 के शुरू होने से पहले एप डाउनलोडिंग के लक्ष्य को हासिल कर लिया जाए। इसके लिए सभी को जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है।

प्रश्न-एप डाउनलोड न हुए तो अंक कट सकते हैं?

उत्तर-हमारी तरफ से स्वच्छता एप डाउनलोडिंग का प्रयास जारी है। अंक नहीं कटने देंगे।

प्रश्न-स्वच्छता एप के प्रचार प्रसार में देरी की गई?

उत्तर-ऐसा नहीं है, हमारी ओर से निरंतर रूप से स्वच्छता एप को लेकर जनता को जागरुक किया जा रहा है।

Posted By: Inextlive