एपल ने अपने लेटेस्‍ट एयरपॉड प्रो में ऐसी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंट तकनीक का इस्‍तेमाल किया है जो म्‍यूजिक लवर्स को सच में क्रेजी कर देगी।

नई दिल्ली, 16 नवंबर (आईएएनएस) वायरलेस ब्लूटूथ इयरफोन ने एक लंबा सफर तय किया है लेकिन साउंड क्वालिटी और आसपास के शोर से प्रभावित होने के चलते म्यूजिक लवर्स इन प्रोडक्ट्स को संदेह की नजर से देखते आए हैं। बहरहाल अब शायद ऐसा नहीं होगा क्योंकि एपल ने हाल ही में लॉन्च किए गए एयरपॉड्स प्रो में कई जरूरी सुधार किए हैं।

नेक्स्ट जेनरेशन एपल एयरपॉड प्रो में इस्तेमाल नई तकनीक वायरलेस ब्लूटूथ इयरफोन का उपयोग करने वालों के लिए अलग तरह का अनुभव साबित हो सकती है। एक्टिव नॉइज कैंसिलेशन व इमर्सिव साउंड टेक्नोलॉजी संगीत सुनने या कॉल करने के तरीके को बदल सकती है।

यह लेटेस्ट टेक्नोलॉजी बनाती है नए एयरपॉड प्रो को खास
बेहद हल्का, इन-ईयर डिज़ाइन के साथ 24,900 रुपये में आने वाली यह डिवाइस, फोन कॉल करने, टीवी शो और फिल्मों का मजा लेने, गेम खेलने और सिरी के साथ बातचीत करने में मददगार है। एयरपॉड्स प्रो को जो चीजें खास बनाती हैं वो एक्टिव नॉइज कैंसिलेशन है, जो किसी भी व्यक्ति के कान और हेडफोन के अनुकूल होने के लिए उन्नत सॉफ़्टवेयर के साथ दो संयुक्त माइक्रोफोन और स्पीकर का उपयोग करती है। जब यह फीचर ऑन होता है तो आप बैकग्राउंड में आसपास कुछ भी नहीं सुन सकते हैं (यहां तक कि डोरबेल भी), ताकि आप जो सुन रहे हैं उस पर अपना ध्यान केंद्रित कर सके।

कमाल की साउंड इंजीनियरिंग
इस अनुभव के पीछे शानदार साउंड इंजीनियरिंग का इस्तेमाल है। पहला माइक्रोफोन आउटवर्ड-फेसिंग है जो एनवायरनमेंट के शोर का विश्लेषण करने के लिए बाहरी ध्वनि का पता लगाता है। एयरपॉड प्रो फिर उसी के समान एंटी-नॉइज़ बनाता है जो श्रोता के कान तक पहुँचने से पहले बैकग्राउंड के शोर को कैंसिल कर देता है।

 

ट्रांसपेरेंसी मोड सफर में आएगा बहुत काम
यदि आप दिल्ली मेट्रो में यात्रा कर रहे हैं, तो ट्रांसपेरेंसी मोड पर स्विच करने से आपको एक साथ संगीत सुनने के अलावा आने वाले स्टेशन के बारे में घोषणा भी सुन सकते हैं। ट्रान्सपेरेंसी मोड यह सुनिश्चित करता है कि आपकी खुद की आवाज़ स्वाभाविक लगे जबकि ऑडियो पूरी तरह से चलता रहे।

Posted By: Chandramohan Mishra