ये app तो बड़ा dangerous है

-Google Play पर उपलब्ध apps से बन जा रहा किसी का भी voter card

-आतंकी अजहर मसूद से लेकर डॉन दाऊद इब्राहिम और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भी बन गया fake i card

i next reporter

एक तरफ जब दुनिया भर में अजहर मसूद पर बैन को लेकर चर्चा जोरों पर है तो वह आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस बनवाकर भारत में पहुंच चुका है। चौंक गए ना? दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर भी ठीक इसी तरह से चौंक उठा था, जब उसने गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड ऐप पर अजहर मसूद की फेक आईडीज बनते देखीं। जैश-ए-मोहम्मद के सर्वेसर्वा की इस आसानी से आधार कार्ड और डीएल का बन जाना न सिर्फ गोरखपुर बल्कि पूरे भारत के लिए चिंता विषय है। मौजूदा चुनावी सिनैरियो, पड़ोस में नेपाल और आतंकी गतिविधियों में बढ़ोत्तरी देखते हुए सुरक्षा के लिए यह बेहद संवेदनशील मसला है।

चिंता की बात

सिर्फ इतना ही नहीं, इन ऐप्स के जरिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भी फर्जी आई कार्ड बन गए। गौरतलब है कि आज हर किसी के हाथ में हाई एंड मोबाइल डिवाइसेज हैं। इंटरनेट की उपलब्धता भी बहुत आसान है। गूगल प्ले स्टोर पर फेक आधार कार्ड, फेक आईडी कार्ड और फेक वोटर आईडी कार्ड के नाम से बहुत से ऐप्स मौजूद हैं। ऐसे में किसी भी हस्ती का फर्जी वोटर आई कार्ड बनाकर किसी भी तरह के खतरनाक खेल को अंजाम दिया जा सकता है। सिर्फ इतना ही नहीं, अगर ये ऐप्स खतरनाक दिमाग वाले शख्स के हाथ लग गए तो इसका परिणाम बेहद विध्वंसक भी हो सकता है।

क्योंकि गोरखपुर है संवेदनशील

नेपाल के करीब में होने के चलते गोरखपुर काफी ज्यादा संवेदनशील है। ऐसे में इतनी आसानी से फेक आईडी का बन जाना सुरक्षा के लिए एक अहम सवाल हो सकता है

-नेपाल बॉर्डर से कई आतंकियों को पकड़ा जा चुका है। यह आतंकी भारत में घुसपैठ करके किसी भी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम दे सकते हैं।

-ज्यादा दिन नहीं हुए जब शमसुल होदा पकड़ा गया है, जो नेपाल से आतंकी गतिविधियां संचालित कर रहा था।

-इंडियन मुजाहिदीन का आतंकी यासीन भटकल भी नेपाल बॉर्डर से ही पकड़ा गया था।

-फिलहाल नेपाल और चीन में नजदीकी है और चीन भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।

आईजी का वर्जन

------------

साइबर एक्सपर्ट का वर्जन

-----------

यहां से अंदर ले जाएं

--------------

ऐप्स हजार, मुश्किलें बेशुमार

- इनके जरिए साजिशों को अंजाम देना शातिर दिमाग के बाएं हाथ का खेल

GORAKHPUR: आज हर किसी के हाथ में मोबाइल है। इंटरनेट की उपलब्धता भी पूरी तरह से सहज और सुलभ है। ऐसे में मोबाइल के जरिए क्राइम को अंजाम देना किसी शातिर दिमाग के बाएं हाथ का खेल है। गूगल ऐप पर हजारों ऐप्स हैं जो महज दस सेकेंड्स के भीतर फेक आईडीज बना देंगे। किसी भी अच्छी क्वॉलिटी के कलर प्रिंटर से इसका प्रिंट लेकर लोगों को बड़ी आसानी से झांसा दिया जा सकता है।

डाउनलोड करना भी आसान

-किसी भी एंड्रॉयड मोबाइल से फेक आईडी बनाने वाले एप्स को डाउनलोड किया जा सकता है।

-गूगल प्ले स्टोर पर कुछ व‌र्ड्स टाइप करते ही ऐसे बेशुमार ऐप्स सामने आ जाते हैं जो मोबाइल में बहुत साधारण स्पेस लेते हैं, लेकिन इनके नतीजे घातक हो सकते हैं।

-ऐप्स में निश्चित जगहों पर जरूरी सूचनाएं लिखने और संबंधित व्यक्ति की फोटो लगाने के बाद इसे मोबाइल की गैलरी में सेव किया जा सकता है।

-बाद में किसी क्वॉलिटी प्रिंटर से प्रिंट निकालकर मनमाने ढंग से मिसयूज किया जा सकता है।

-------------

इस तरह से हो सकता है मिसयूज

-फेक आईडी के जरिए आतंकी शहर में कहीं भी पनाह ले सकते हैं।

-फेक आईडी से सिम इश्यू कराकर किसी भी घटना को अंजाम दिया जा सकता है।

-चुनावी सीजन में अनजान लोग माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर सकते हैं।

-अगर किसी ने ऐसी आईडी जमा करके किसी साजिश को अंजाम दे दिया तो उसे ट्रैस करना बहुत मुश्किल होगा।

-फेक मूवी टिकट बनाकर किसी भी थिएटर को निशाना बनाया जा सकता है।

-किसी कंपनी का फेक इंप्लॉयी बैज बनाकर आतंकी वहां प्रवेश कर सकते हैं और कोई भी बड़ी घटना कर सकते हैं।

-स्कूल-कॉलेज आईडी बनाकर लोगों को गुमराह किया जा सकता है।

यह बन रहा है फेक आईडी ऐप से

-वोटर आई कार्ड

-आधार कार्ड

-ड्राइविंग लाइसेंस

-पैन कार्ड

-क्रेडिट कार्ड

-मूवी टिकट

-स्कूल-कॉलेज आईडी

-पुलिस एजेंट

-इंप्लॉयी बैज

Posted By: Inextlive