एक अगस्‍त से देश में र‍ियल एस्‍टेट रेगुलेटरी अथॉर‍िटी यानी क‍ि रेरा लागू हो गया है। ऐसे में अब रियल एस्‍टेट रेग्‍युलेशन एंड डेवलपमेंट एक्‍ट-2016 के तहत घर खरीदने व बेचने के न‍ियमों में बदलाव हो गए हैं। ज‍िससे अब घर खरीदने से जुड़ी सारी जानकारी भी अब इसकी वेबसाइट पर म‍िल जाएगी। ऐसे में आइए सबसे पहले जानें अब क्‍या बदले न‍ियम और खरीदने और बेचने पर क्‍या होगा असर...

इन जगहों से लें सारी जानकारी
अब सारे डेवलपर्स को अपने प्रोजेक्ट्स रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी के पास रजिस्टर कराना अनिवार्य है। जिसमें सेंक्शन प्लान और लेआउट प्लान जैसी सारी जानकारी होगी। इतना ही डेवलपर्स को प्रोजेक्ट्स से जुड़ी सारी जानकारी अपनी वेबसाइट के अलावा दूसरी साइट, मार्केटिंग व सभी ऑफिसों में डिस्प्ले कराना होगा। जिससे खरीददार को इससे जुड़ी हर जानकारी यहां पर आसानी से मिल जाएगी।

निश्चित समय पर मिलेगा घर

रियल एस्टेट एक्ट में इस बात का प्रोविजन किया गया है कि डेवलपर्स को खरीदार के साथ एग्रीमेंट करते वक्त प्रोजेक्ट पूरी होने की डेट और उसे अधिकार देने की निश्चित तिथि बतानी होगी। ऐसे में अगर इस निश्चित तिथि में डेवलपर्स बायर्स को पजेशन नही देगा तो उसे स्टेट बैंक के रेट ऑफ इंटरेस्ट से दो फीसदी अधिक ब्याज देना होगा। वहीं बायर्स की शिकायत पर डेवलपर्स को 3 साल तक जेल होगी।  

एरिये में नहीं होगी कोई गड़बड़ी
रियल एस्टेट रेग्युलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट-2016 के तहत अब बायर्स को वो एरिया साइज मिलेगा जो उसने अलॉट कराया होगा। अब फ्लैट कारपेट एरिया पर ही बिकेगा, यानी कि आपने बायर्स ने जितने साइज का पैसा दिया है, उतना ही पैसा वसूला जाएगा। वहीं अगर बिल्डर बायर्स को तय समय पर घर नहीं देता है तो उसके बदले बिल्डर बायर्स की जमा राशि पर करीब लगभग 11 फीसदी ब्याज देना होगा।

बायर्स यहां कर सकते शिकायत

अगर खरीददार को किसी तरह की कोई परेशानी है तो वह बिल्डर्स की शिकायत रेग्युलेटरी अथॉरिटी से कर सकते हैं। यहां पर बायर्स की हर समस्या सुनी जाएगी। सबसे खास बात तो यह है क अथॉरिटी प्राइवेट बिल्डर्स के अलावा दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी, गाजियाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी जैसे बड़ी कंपनियों की शिकायत भी सुनेगी। इसके अलावा 60 दिन के भीतर अथॉरिटी अपना फैसला सुना देगी।

Interesting News inextlive from Interesting News Desk

 

Posted By: Shweta Mishra