- यूनिवर्सिटी में डेलीवेजर्स, रिटायर्ड अधिकारियों को एलॉट हैं मकान

- बिजली के बिल से लेकर सभी मेंटीनेंस यूनिवर्सिटी करती है वहन

- नियुक्ति अवैध ठहराने के बाद अब मकान भी कराए जाएंगे खाली

Meerut: सीसीएस यूनिवर्सिटी में अभी कर्मचारियों की नियुक्ति का मामला निपटा नहीं और एक नया मामला सामने आया। यूनिवर्सिटी जिन डेलीवेज कर्मचारियों की नियुक्ति को अवैध करार दे चुकी है वहीं इन कर्मचारियों को सरकारी मकान भी एलॉट किए गए हैं। इसके साथ ही रिटायर्ड और ट्रांसफर कर्मचारियों के नाम आज भी मकान चल रहे हैं। एलॉटी लिस्ट क अनुसार काफी ऐसे मकान हैं जिनमें वे लोग रह रहे हैं जिनका कुछ लेना-देना ही नहीं है। फिर भी यूनिवर्सिटी डेलीवेजर्स को उखाड़ फेंकने की फिराक में लगी है। जिसका अगला कदम इनके मकान हो सकते हैं।

यह है सीन

यूनिवर्सिटी में एलॉटी की लिस्ट में क्ब्म् मकान हैं। जिनमें करीब ख्भ् डेलीवेजर्स को मकान एलॉट हैं। इसके साथ ही करीब एक दर्जन उन लोगों को मकान एलॉट किए गए हैं जिनको कांट्रेक्ट बेस यूनिवर्सिटी में रखा गया है। जबकि यूनिवर्सिटी रूल्स के अनुसार इनमें से किसी भी व्यक्ति को सरकारी मकान एलॉट नहीं हो सकते। वहीं काफी सारे ऐसे अधिकारियों के नाम पर मकान चल रहे हैं जो यहां से ट्रांसफर हो चुके हैं या फिर रिटायर्ड हैं। इन सभी का पूरा खर्चा यूनिवर्सिटी उठा रही है। बिजली से लेकर इनके मकान का मेंटीनेंस तक यूनिवर्सिटी का देना पड़ रहा है।

एफसी भी उठा रहे थे फायदा

इसका फायदा एफसी को भी मिल रहा था। जो अपने घर में आठ एसी चला रहे थे और मजे से यूनिवर्सिटी की लाखों की बिजली फूंक रहे थे। जेब ढीली हो रही थी यूनिवर्सिटी की। कर्मचारियों ने जब इनको कटिया डालकर बिजली चोरी करते हुए पकड़ा तो मामले ने नया रूप ले लिया। इन कर्मचारियों पर ही कटिया लटका दी गई। जिनकी नियुक्तियां अवैध घोषित करते हुए एफसी की जांच को दबा दिया गया। उनके मामले में जो जांच बैठाई गई उसका आजतक कुछ पता नहीं। रिजल्ट सबको पता है लेकिन वह सार्वजनिक नहीं किया गया।

कर्मचारी जांच के मारे

एफसी लाखों का चूना यूनिवर्सिटी को लगा रहे थे और कर्मचारियों ने विरोध किया तो उनको दूसरे लफड़े में उलझा दिया गया। अब वे अपने भविष्य को देखें या फिर एफसी द्वारा कटिया डालकर बिजली चोरी के मामले को। जहां कर्मचारी एफसी द्वारा ऐसा किए जाने का विरोध कर रहे थे वे अब अपनी जान बचाने में जुटे हैं। इसके साथ ही उनके मकानों पर भी आंच आ सकती है। फिलहाल यूनिवर्सिटी में कन्वोकेशन की तैयारियों के चलते कुछ खास नहीं हो सकता, लेकिन बाद में कुछ ना कुछ होना तय है।

वर्जन

यूनिवर्सिटी में मकान खाली पड़े हुए थे। परमानेंट कर्मचारियों की भर्ती हुई नहीं तो इनको ही मकान दे दिए गए। ताकि मकान की साफ सफाई रहे। काफी लोगों को मकान हमारे आने से पहले ही एलॉट थे। अब आगे जो होगा उसके अनुसार कार्रवाई होगी। - वीसी गोयल, वाइस चांसलर, सीसीएसयू मेरठ

Posted By: Inextlive