- तैराकी प्रतियोगिता में तीसरे दिन देखने को मिले रोमांचक मुकाबले

- देहरादून के रीजनल ऑफिसर ने स्वीमिंग का बजट दोगुना करने को कहा

Meerut : कैलाश प्रकाश स्टेडियम में करन पब्लिक स्कूल की मेजबानी में आयोजित सीबीएसई की नेशनल स्वीमिंग चैंपियनशिप में शुक्रवार को काफी रोमांच देखने को मिला। स्वीमिंग पूल में तैरते तैराक अचानक बाहर निकले और अपने कपड़े व जूते पहनकर निकल भागे। पूल से निकल कर एक के बाद एक सभी तैराक स्टेडियम के भीतर मैदान की ओर से दौड़ चले। लोग कुछ समझते इससे पहले ही तैराकों के पीछे कोच, आयोजक व सीबीएसई के पदाधिकारी भी मैदान की ओर लपके। हैरान दर्शक जब मैदान में पहुंचे तो पता चला कि यह पूरी प्रक्रिया तैराकी के एक्वाथ्लान इवेंट का हिस्सा थी। फिर क्या था, तैराकी के साथ दौड़ का रोमांच भी जुड़ गया। पहले परिजन अपने-अपने बच्चों को पूल में प्रोत्साहित करते तो उसके बाद मैदान में पहुंचकर तेज दौड़ने के लिए प्रोत्साहित करने दिखे।

क्या है एक्वाथ्लान?

ओलंपिक में खेले जाने वाले ट्राइथ्लान का ही एक भाग एक्वाथ्लान होता है। ओलंपिक स्तर पर ट्राइथ्लान में एक तैराक को स्वीमिंग करने के बाद साइक्लिंग और उसके बाद दौड़ करनी होती है। ओलंपिक में 1500 मीटर स्वीमिंग के बाद 40 किलोमीटर साइकिल और उसके बाद 10 किलोमीटर की दौड़ लगाना होता है। सबसे कम समय में इसे पूरा करने वाले विजेता होते हैं। उसी तर्ज पर एक्वाथ्लान में सीबीएसई की प्रतियोगिता में स्वीमिंग और दौड़ को शामिल किया गया है। इसमें अंडर 19 वर्ग में तैराकों को 500 मीटर स्वीमिंग के बाद तीन किलोमीटर की दौड़ व अंडर 14 में तीन सौ मीटर स्वीमिंग के बाद दो किलोमीटर दौड़ करना था।

दो गुना किया जाएगा बजट

शुक्रवार को प्रतियोगिता में तैराकों को प्रोत्साहित व सम्मानित करने के लिए सीबीएसई के देहरादून रीजन के क्षेत्रीय अधिकारी मनोज श्रीवास्तव पहुंचे थे। विजेता तैराकों को पदक पहनाते उन्होंने प्रतियोगिता के व्यवस्थित आयोजन की सराहना की। आरओ मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि मेरठ में पहली बार आयोजित प्रतियोगिता को देखते हुए इसके लिए आवंटित धनराशि को दुगना करने का प्रस्ताव बोर्ड के पास भेजेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि मेरठ में प्रतियोगिताओं की संख्या बढ़ाई जाएगी जिससे बच्चों की प्रतिभा को निखारा जा सके।

Posted By: Inextlive