असहनशीलता जैसे मुद्दे पर संगीतकार एआर रहमान ने भी अपना दर्द बयां किया। रहमान ने कहा कि वह भी इस तरह के हालात का सामना कर चुके हैं।

रहमान को फतवा का डर
असहिष्णुता पर बहस में आस्कर विजेता ए आर रहमान भी कूद पड़े हैं। उन्होंने कहा कि आमिर खान ने जिस डर को बयां किया है, उसके शिकार वो पहले ही हो चुके हैं। रहमान ने कहा कि कुछ महीने पहले मुंबई की रजा एकेडमी ने इरानी फिल्म 'मुहम्मद: मैसेंजर ऑफ गॉड ' में संगीत देने के लिए उनके खिलाफ फतवा जारी किया था। रजा एकेडमी का आरोप था कि फिल्म की शीर्षक से प्राफेट का अपमान होता है। आपको बता दें, दिल्ली और यूपी के मुख्यमंत्रियों ने उनके कंसर्ट को रद कर दिया था। उसी दौरान विश्व हिंदू परिषद ने रहमान के धर्म परिवर्तन के साथ घर वापसी की मांग भी की थी। असहिष्णुता पर बयान के बाद ए आर रहमान ने कहा कि किसी भी तरह की हिंसा का विरोध करना चाहिए, हम लोगों को ऐसी मिसालें पेश करनी चाहिए जो दुनिया को संदेश दे कि ये महात्मा गांधी की धरती है, और भारत एक महान सभ्यता है
आमिर के बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रिया
संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि जाने या अंजाने में आमिर खान के बयान से देश को ठेस पहुंचा है और हम उनके बयान से दुखी हैं। वहीं मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कुछ लोग असहिष्णुता पर बहस के मामले में राजनीतिक एजेंडे से प्रभावित हो रहे हैं। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने कहा कि आमिर खान बड़े स्टार हैं, सरकार को ये समझने की कोशिश करनी चाहिए कि आखिर वो इस तरह का अनुभव क्यों कर रहे हैं। हो सकता है कि आमिर खान किसी मुद्दे को लेकर परेशान हों, हर शख्स को अपनी बात रखने का अधिकार है।
इरफान को अपने देश पर नाज है
फिल्म अभिनेता इरफान खान ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट के आधार पर किसी फैसले पर पहुंचने की जरुरत नहीं है,लोगों को अपने पांचों इंद्रियों का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्हें इस देश पर नाज है और वो पूरी तरह सुरक्षित हैं। गौरतलब है कि एक अवॉर्ड कार्यक्रम के दौरान आमिर खान ने कहा था कि देश के मौजूदा हालात से उनका परिवार डरा हुआ था और वो लोग देश छोड़ने तक की सोच रहे थे। इससे पहले शाहरुख खान ने देश में असहिष्णुता का जिक्र किया था हालांकि वो अपने बयान से बाद में पलट गए।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari