- कोड वर्ड में खरीद फरोख्त करते हैं हथियारों के सौदागर

PATNA

पटना में पुलिस से बेखौफ होकर बदमाश हथियारों का सौदा कर रहे हैं। आसानी से उपलब्ध हो रहे हथियार के कारण ही राजधानी में क्राइम का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। पटना में हथियारों का बाजार कैसे सजा है, पड़ताल के बाद दैनिक जागरण आई नेक्स्ट आपको बताने जा रहा है।

हाल ही में मसौढ़ी और धनरूआ पुलिस की संयुक्त टीम ने एक गिरोह को लूट की योजना बनाते हुए गिरफ्तार किया है। इस गिरोह से पूछताछ में हथियार का एक कनेक्शन सामने आया है। हालांकि इसके मास्टर माइंड अभी फरार चल रहे हैं। ये लोग हथियारों की डील कोड वर्ड में करते हैं। ये लोग हथियारों की डीलिंग कोड वर्ड में करते हैं। पिस्टल को मशीन और कारतूस को दाना बोलते हैं।

सामने नहीं आता सरगना, फोन या साथी से डीलिंग

हथियारों का सरगना कभी भी सामने नहीं आता है। पहले वो खुद क्षेत्र में घूमता है। इसके बाद लोगों को टटोलता है कि किसे हथियार की जरूरत है। इसके बाद वो वापस आ जाता है और अपने साथी को हथियार की डील के लिए भेजता है। वो उस व्यक्ति मिलता है और रुपए की डील करता है। इसके बाद उसे बताया जाता है कि एक सप्ताह में हथियार मिल जाएगा।

डील से लेकर डिलेवरी तक पांच लोगों का चेन

हथियारों की तस्करी के लिए ग्राहकों से डील से लेकर डिलेवरी तक पांच स्तर पर काम होता है। पहले मुख्य सरगना मन टटोलता है। इसके बाद उसका साथी उससे मिलता है और हथियार के बारे में बताता है। जब वो हथियार के लिए तैयार हो जाता है तब उसे एक स्थान पर बुलाया जाता है। वहां पर एक आदमी पहले रेकी करने आता है। जब सबकुछ ठीक रहता है तब एक और युवक आता है और उसे हथियार देकर पेमेंट लेता है।

डिलेवरी से तीन दिन पहले अनजान जगह रख दिया जाता है हथियार

हथियारों के तस्कर बहुत ही चालाकी से इस खेल को खेलते हैं। जब किसी से हथियारों की डील हो जाती है तब डिलेवरी से तीन दिन पहले एक अनजान जगह पर हथियार रख दिया जाता है। इसके बाद जो व्यक्ति हथियार के लिए डील करने जाता है। उसे पता तक नहीं होता है कि वो कहां जा रहा है। जब वो मुख्य सरगना के बताए जगह पर पहुंच जाता है तब उसे बताया जाता है कि इस गांव में जाना है। वहां पर हथियार रखा हुआ है। हथियार लेने के बाद भी ये नहीं बताया जाता है कि किसे डिलेवरी देनी है। डिलेवरी से महज 10 मिनट पहले ही पत्ता खोला जाता है।

मुंगेर, कोलकाता और यूपी से जुड़ा है कनेक्शन

पुलिस के पड़ताल में ये बातें सामने आ रही है कि इन हथियार तस्करों का कनेक्शन पटना, मुंगेर और कोलकाता से जुड़ा हुआ है। पुलिस की नजर सभी जगह है। वो लोग पड़ताल कर रहे हैं और मुख्य आरोपियों की तलाश में जगह-जगह अपनी टीम को लगा दिए हैं। पुलिस उन पर गुप्त रूप से निगरानी रख रही है।

डीलिंग से डिलेवरी तक फिक्स है रेट

- 500 रुपए ग्राहक तक पहुंचाने का रेट।

- 500 रुपए ग्राहक से डील का रेट।

-500 से 1000 रुपए ग्राहक तक हथियार पहुंचाने का रेट।

- 500 रुपए रेकी करने वाले का रेट।

नए और पुराने हथियारों का फिक्स है रेट

-10 हजार नया कट्टा

- 500 रुपए प्रति गोली

- 25-30 हजार रुपए पिस्टल

- 500 रुपए प्रति गोली

- 5-8 हजार पुराना कट्टा

- 500 रुपए प्रति गोली पुराना।

-15 हजार पुराने पिस्टल

Posted By: Inextlive