भारतीय सेना पाकिस्तान व चीन अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर किसी भी प्रतिकूल स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। यह बात खुद सेना प्रमुख ने राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कही।


नई दिल्ली (आईएएनएस)। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने गुरुवार को वार्षिक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। इस दाैरान उन्होंने कहा कि भारतीय सेना अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर किसी भी प्रतिकूल स्थिति से निपटने के लिए सक्षम, शक्तिशाली और तैयार है। भारतीय सेना भी अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र के साथ अपने हिस्से में एक विशाल सड़क नेटवर्क बना रही है। इसके साथ ही भारत-चीन सीमा के पास भारत बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को बढ़ावा दे रहा है। सीमा को जोड़ने वाली ये सड़कें 'ऑल वेदर रोड' होंगी। सीमा पर कम से कम समय में पहुंचने के लिए बारहमासी सड़कों के अलावा सुरंगों और पुलों का भी निर्माण किया जा रहा है। सभी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही
वहीं एलएसी पर स्थिति पर सेना प्रमुख ने कहा कि यह स्थिर लेकिन अप्रत्याशित है। हालांकि उन्होंने कहा कि भारत और चीन मुद्दों को सुलझाने के लिए सैन्य और राजनयिक दोनों स्तरों पर बातचीत कर रहे हैं। सात में से पांच मुद्दों को बातचीत के जरिए सुलझा लिया गया है। वहीं उन्होंने डोकलाम पर ज्यादा कुछ नहीं बोला, लेकिन कहा कि स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है और सभी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।हालांकि सीमा पार से आतंकवाद जारी


सेना प्रमुख ने कहा कि पिछले तीन वर्षों के दौरान लद्दाख में बुनियादी ढांचे और आवास की जरूरतों के लिए लगभग 1,300 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। पिछले दो वर्षों में, पूर्वी लद्दाख सेक्टर में लगभग 55,000 सैनिकों और 400 तोपों के रहने की जगह पूरी की गई है। जम्मू-कश्मीर के लिए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम समझौता फरवरी 2021 में हुआ था और ठीक चल रहा है। हालांकि सीमा पार से आतंकवाद जारी है, इसलिए हम सतर्क हैं। पूर्वोत्तर के अधिकांश राज्यों में शांति पूर्वोत्तर की स्थिति पर बोलते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि पूर्वोत्तर के अधिकांश राज्यों में शांति लौट आई है। उन्होंने इसका श्रेय आर्थिक गतिविधियों और क्षेत्र में विकास पहलों को दिया। भारत पर रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रभाव पर बोलते हुए जनरल ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध भारत के लिए एक सबक है। वहीं भारतीय सेना की कोर ऑफ आर्टिलरी में जल्द ही महिला अधिकारियों को कमीशन दिया जा सकता है। इस संबंध में एक प्रस्ताव सरकार की सहमति के लिए भेजा गया है।

Posted By: Shweta Mishra