- आर्मी चलाएगी ओल्ड ग्रांट बंगलों में चेकिंग अभियान

- सोमवार को होगी आर्मी ऑफिसर्स की महत्वपूर्ण बैठक

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sharma.saurabh@inext.co.in

Meerut : अपने इलाके में आईएसआई एजेंट्स पकड़े जाने के बाद आर्मी पूरी तरह से अलर्ट हो गई है। आर्मी एरिया में सिविलियन की हलचल को थोड़ा कम कर दिया गया है। कैंट स्टेशन के आसपास सिक्योरिटी को बढ़ा दिया गया है। अब आर्मी एक बड़ा ऑपरेशंस चलाने जा रही है, जिसके तहत ओल्ड ग्रांट बंगलों में चेकिंग करने के साथ वहां रह रहे लोगों की कुंडली बनाई जाएगी। ताकि पता चल सके कि कहीं इन बंगलों में और भी आईएसआई एजेंट्स तो नहीं हैं।

बनाया जाएगा डाटा बैंक

आर्मी अब इन इलाकों में रहने वाले सिविलियन का डाटा बैंक बनाने जा रही है, जिसमें एक परिवार के सभी लोगों की फोटोग्राफ के साथ पूरा बायोडाटा होगा। जो समय के साथ अपडेट किया जाएगा। इस ऑपरेशन की शुरुआत जल्द होने जा रही है। सबसे पहले इसकी शुरुआत ओल्ड ग्रांट बंगलों से होगी। इन बंगलों में रह रहे लीगल और इलीगल लोगों की पहचान की जाएगी। फिर हर फैमिली की फाइल बनाई जाएगी, जिसमें वह कब से रह रहा है? कहां से आया था? क्या करता है? परिवार में कितने लोग हैं? तमाम बातें होगी। साथ ही सभी के आईडेंटिफिकेशन कार्ड भी लिए जाएंगे, जिनका वेरीफिकेशन भी कराया जाएगा।

खुलेंगे कई राज

इस ऑपरेशन का मुख्य मकसद ये पता लगाना है कि कहीं और भी आईएसआई एजेंट्स तो आर्मी की जड़ में मौजूद तो नहीं है। आर्मी ऑफिशियल्स को शक है कि मेरठ कैंट में अब ऐसे एलीमेंट्स मौजूद हैं, जो देश में उसकी बाह्य और आतंरिक सुरक्षा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस ऑपरेशन से ऐसे लोगों तक जल्द पहुंचा जा सकता है।

हो रही है मीटिंग

इस ऑपरेशन को चलाने के लिए आर्मी पुलिस और एडमिनिस्ट्रेशन की भी मदद लेने के मूड में नजर आ रही है। आगामी सोमवार यानी 30 नवंबर को मेरठ छावनी में आर्मी ऑफिशियल्स ने पुलिस और एडमिनिस्ट्रेशन के आलाधिकारियों के साथ मीटिंग करने जा रहा है, जिसमें कैंट की सीमाओं की सुरक्षा के साथ इस ऑपरेशन के बारे में भी डिस्कशन किया जाएगा। वहीं कैंट सिक्योरिटी फ‌र्स्ट के नारे के साथ इस ऑपरेशन को आगे बढ़ाया जाएगा।

कैंट में कई ओल्ड ग्रांट बंगले

अगर बात कैंट में बंगलों की करें तो कुल 315 बंगले हैं, जिनमें से 297 बंगले डिफेंस एस्टेट ऑफिस के अंडर में आते हैं। 297 बंगलों में से 150 से अधिक बंगले ओल्ड ग्रांट बंगलों की कैटेगिरी में आते हैं, जिनमें 90 फीसदी बंगलों में इलीगल कंस्ट्रक्शन हो गया है, जिनमें हजारों की तादाद में लोग रहे हैं। इनके बारे में न तो डिफेंस एस्टेट ऑफिसर को जानकारी है और न ही आर्मी ऑफिशियल को। कई बंगलों पर तो हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में केस भी चल रहे हैं।

इन इलाकों में सबसे अधिक

ओल्ड ग्रांट बंगलों में अधिकतर आर्मी एरिया के काफी नजदीक हैं। वेस्ट एंड रोड पर आर्मी ऑफिशियल के मकान बने हुए हैं। बांबे बाजार के पास कई आर्मी यूनिट्स बनी हुई हैं, जिन्हें नजरअंदाज बिल्कुल भी नहीं किया जा सकता है। बीआई लाइन, बीसी लाइन, तोपखाना, रेस कोर्स रोड, बैंक स्ट्रीट रोड, बाउंड्री रोड, माल रोड ये ऐसे कई इलाके हैं जो आर्मी ऑफिशियल्स के नजदीक होने के साथ उनके इंपोर्टेट यूनिट्स है, जिनके सुरक्षा काफी जरूरी है।

अक्टूबर से है अलर्ट

वहीं आर्मी एरिया ने अपनी सुरक्षा के लेवल और भी ज्यादा बढ़ा दिया है। वैसे सब एरिया में अक्टूबर से ही अलर्ट किया जा चुका था, जिसके तहत सड़कों पर चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन जरूरी स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। माल रोड, औघड़नाथ रोड, तोपखाना रोड, सर्कुलर रोड, कैंट स्टेशन रोड, एमएच, रेस कोर्स, सप्लाई डिपो ऐसे कई इलाकों में सिक्योरिटी को बढ़ा दिया गया है। वहीं आर्मी के इलाकों में सिविलियन आवाजाही को थोड़ा कम कर दिया गया है।

गेटों को किया जा सकता है बंद

आर्मी द्वारा बनाए गेटों को बंद किया जा सकता है। साथ ही उनकी सिक्योरिटी को भी बढ़ाया जा सकता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार भूसा मंडी गेट, तोपखाना गेट, खटकाना गेट, कसेरूखेड़ा आदि सभी गेट सिर्फ स्कूली बच्चों की आवाजाही के लिए ही यूज होंगे। उनके अलावा किसी और एंट्री एग्जिट की अनुमति नहीं होगी। इसे सिर्फ सिक्योरिटी प्वाइंट ऑफ व्यू से ही किया जा रहा है।

सोमवार को मीटिंग बुलाई गई है। जिसमें पुलिस और एडमिन के लोग भी शामिल हो सकते हैं। उनके साथ कैंट की सिक्योरिटी और चेकिंग अभियान के बारे में डिस्कस किया जाएगा।

- कर्नल जीएस राजीव कुमार, कर्नल जीएस, पश्चिम यूपी सब एरिया हेडक्वार्टर

Posted By: Inextlive