- पड़ोसियों ने रखा कथा का आयोजन, मां ने गरीबों दान

- अर्णव के लौटने पर जला घर में चिराग, सात घंटे बाद लौटी मुस्कान

- स्कूल मैनेजमेंट के सिस्टम से नाराज हो परिवार

LUCKNOW : हजरतगंज के राणा प्रताप मार्ग स्थित सर्वोदय कॉलोनी में रहने वाले सर्जिकल इक्यूप्मेंट कारोबारी अग्रवाल परिवार के लिए सोमवार के दिन सात घंटे किसी कहर से कम नहीं थे। इकलौते बेटे के अपहरण की जानकारी मिलते घर में कोहराम मच गया। बुजुर्ग दादी पोते के सकुशल लौटने के लिए मंदिर के सामने बैठकर तब तक रामायण पाठ करती रही, जब तक अर्णव सुरक्षित घर नहीं लौटा। मां सुजीता और पिता अनूप ने गले के नीचे एक घूट पानी तक नहीं उतारा तो पड़ोसियों ने उसके वापस लौटने पर कथा की मन्नत मांगी। अर्णव के लौटने के बाद घर में चिराग जला तो मंगलवार सुबह मां ने गरीबों को दान दिया। वहीं पूरे परिवार ने भगवान बने पुलिस कर्मियों को धन्यवाद किया।

स्कूल मैनेजमेंट से नाराजगी

अर्णव लामार्टीनियर ब्वॉयज में 11वीं के स्टूडेंट है। पिता अनूप ने बताया कि हर स्कूल में सिस्टम है कि अगर बच्चा टाइम से स्कूल नहीं पहुंचाता है तो स्कूल मैनेजमेंट उसके पैरेंट्स को मेल और एसएमएस के जरिए उसके न पहुंचने की सूचना देते हैं। जबकि लामार्टीनियर स्कूल ने ऐसा नहीं किया। स्कूल मैनेजमेंट अगर 9 बजे तक एसएमएस से अलर्ट कर देता तो शायद अपहरणकर्ता अर्णव को लेकर लखनऊ के बाहर भी नहीं जा पाते और उन्हें यहीं पकड़ा जा सकता था।

समझदारी से संभाला अपहरणकर्ताओं अर्णव ने बताया कि ड्राइवर संतोष ने 1090 चौराहे से गाड़ी घुमाई और उसमें दो अंजान लोग सवार हुए तो उसे अनहोनी की आशंका हो गई। उस समय अर्णव अपने मोबाइल फोन पर स्टडी कर रहा था। अपहरणकर्ताओं ने उसका मोबाइल फोन छीन लिया और उसे स्विच ऑफ कर दिया। तमंचा सटाने पर वह समझ गया कि अगर शोर मचाया तो वह उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके बाद किडनैपर्स ने उसके हाथ पैर बांध दिए। अर्णव ने बताया कि उसने उसके ही पापा की गाड़ी से किडनैप किया जा रहा था इसी बात ने उसके भीतर विश्वास जगा दिया कि किडनैपर्स उसे ज्यादा दूर तक नहीं ले जा पाएंगे और पकड़े जाएंगे क्यों कि उसके पापा कितने एक्टिव हैं वह जानता था।

नस नहीं मिली, चुभाते रहे इंजेक्शन

अर्णव ने बताया कि किडनैपर्स ने उसने अगली सीट से खींच कर पीछे की सीट पर डाला दिया और मुंह, हाथ पैर बांध दिए। इसके बाद एक बदमाश ने उसे इंजेक्ट कर बेहोश करने का प्रयास किया। हाथ की नस न मिलने पर उसने कई बार हाथ में इंजेक्शन की सुई चुभाई फिर भी सफल न होने पर उसने पैरों में भी इंजेक्शन लगाए। अर्णव के हाथ और पैर में इंजेक्शन लगाने के कई निशान अभी भी बने हुए हैं। इसके चलते उसके हाथ और पैर में अभी भी सूजन बनीं हुई है।

पैरों के नीचे दबाकर रखा था

बदमाशों ने अर्णव को शहर से बाहर निकलने के दौरान पिछली सीट पर पैरों के नीचे दबाकर रखा था। टोल प्लाजा के पास जब वह बेहोश हो गया तो उसे आगे की सीट में बैठाया गया और कार से दोनों बदमाश उतर गए। टोल प्लाजा के कैमरे में भी गाड़ी में अकेले अर्णव और ड्राइवर संतोष नजर आ रहे हैं। पुलिस को भ्रमित करने के लिए बदमाशों ने यह चाल चली थी।

ड्राइवर का कराया था वैरीफिकेशन

अर्णव के पिता अनूप अग्रवाल ने बताया कि संतोष को 10 महीने पहले ड्राइवर के रूप में रखा था। संतोष के पिता नारायण मोटर्स में नौकरी करते हैं और उन्हीं के सिफारिश पर नौकरी पर रखा था। उन्होंने संतोष का पुलिस वैरीफिकेशन भी कराया था।

गाड़ी में जीपीएस लगाना भूल गए थे

अनूप ने बताया कि परिवार और बच्चों की सिक्योरिटी के लिए वह हमेशा मुस्तैद रहते हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने गाड़ी में जीपीएस सिस्टम लगाने का प्लान बनाया था, लेकिन बिजी शेड्यूल के चलते उन्हें टाइम नहीं मिल रहा था। इसके अलावा उन्होंने अपने बच्चों के लिए सेफ्टी डिवाइस भी मंगवाई थी लेकिन डिवाइस बड़ी होने के चलते उन्हें वापस कर दिया था। उन्होंने अब जूतों में लगाने वाली डिवाइस मंगवाई थी जो जल्द आने वाली थी।

23 को करेंगे पुलिस टीम का सम्मान

सूर्योदय कॉलोनी समिति के अध्यक्ष अशोक भार्गव और अर्णव के पिता अनूप अग्रवाल ने बताया कि बेटे को सकुशल वापस लाने वाली पुलिस को टीम को उनकी कॉलोनी 23 मार्च को सम्मानित करने के लिए एक सम्मान समारोह का भी आयोजन करने जा रहे है।

Posted By: Inextlive