Jamshedpur: डॉक्टर साहब मुझे अक्सर खांसी रहती है करीब पंद्रह सालों से स्मोकिंग कर रहा हूं मेरे लंग्स तो ठीक है ना कुछ इसी तरह की प्रॉब्लम्स और क्वैरिज लेकर बड़ी संख्या में लोग फ्राईडे को वल्र्ड नो टोबैको डे के मौके पर आई नेक्स्ट द्वारा ऑर्गेनाइज किए गए पलमोनरी फंक्शन टेस्ट कैंप्स में पहुंचे. सिटी में पांच जगहों पर आर्गेनाइज किए गए इन कैंप्स में डॉक्टर्स की टीम ने लोगो के लंग्स के फंक्शनिंग की जांच की.

 5 जगहों पर organize हुआ camp
ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच करने के मकसद से सिटी में पांच जगहों पर कैंप लगाए गए। इनमें से साकची स्थित रेड क्रॉस बिल्डिंग, ब्रह्मïानंद नारायण ह्रïृदयालय हॉस्पिटल का अमबगान स्थित सिटी सेंटर, जुस्को कॉरपोरेट ऑफिस, एमजीएम हॉस्पिटल और साकची स्थित वी टू मॉल शामिल थे। एमजीएम हॉस्पिटल में ऑर्गेनाइज किए गए कैंप में हॉस्पिटल सुपरींटेंडेंट डॉ शिव शंकर प्रसाद, डॉ निर्मल कुमार सहित कई लोग मौजूद थे। कैंप की शुरुआत मॉर्निंग में 10 बजे से की गई। करीब 350 लोग इन कैंप्स में अपने लंग्स की जांच कराने आए।

Lungs पर है खतरा
लगातर बढ़ रही स्मोकिंग और स्मोकलेस टोबैको की लत लंग्स के लिए बड़ा खतरा बन रही है। कैंप्स में पीएफटी मशीन द्वारा किए गए जांच में कई चिंताजनक बाते सामने आई। कई जगहों पर जांच किए लोगो में से करीब 30 से 40 पर्सेंट लोगो कें लंग्स फंक्शनिंग में गड़बड़ी पाई गई। चेस्ट फिजीशियन डॉ पी ए देशमुख ने बताया कि लंग्स डिजीज की सबसे बड़ी वजह स्मोकिंग है। उन्होंने कहा कि स्मोकिंग की वजह से सिटी में भी लंग्स डिजीज के मामले बढ़ रहे हैं।

Alarming situation
कैंप्स में ऐसे कई लोग आए जो 15 से 20 सालों से स्मोकिंग करते आ रहे थे। ऐसे ज्यादातर पेशेंट्स के जांच के दौरान उनके लंग्स के फंक्शनिंग में कई तरह की प्रॉब्लम्स पाई गई। रेड क्रॉस बिल्डिंग में ऑर्गेनाइज किए गए कैंप में मौजूद डॉ एस पी झा ने बताया कि लंबे समय से चली आ रही स्मोकिंग की लत ऐसे लोगों में हायपरटेंशन और स्ट्रेस जैसी बीमारियों के साथ-साथ ब्रोंकाइटिस, अस्थमा और लंग कैंसर जैसी बीमारियों को जन्म दे रही है। उन्होंने बताया कि कई ऐसे पेशेंट है जो 15 से 16 साल की उम्र में स्मोकिंग जैसी लत के शिकार हो जाते हैं।

'टोबैको की लत कैंसर सहित कई तरह की बीमारियों की वजह है, इससे बचाव का एकमात्र तरीका अवेयरनेस है। इस तरह के इंवेंट्स लोगों के लिए बड़े पैमाने पर अवेयरनेस फैलाने का काम करते हैं.'
-डॉ डीके सिन्हा, ईएनटी स्पेशलिस्ट

'आई नेक्स्ट की ये पहल काफी सराहनीय है। कैंप के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को स्मोकिंग से होने वाले खतरों और लंग्स से संबंधित डिजीज के बारे में जानकारी मिली.'
-अरिजीत सरकार, ज्वाइंट सेक्रेटरी, रेड क्रास सोसाइटी, जमशेदपुर चैप्टर

'स्मोकिंग की लत लंग्स के लिए बेहद खतरनाक है। लंबे समय तक स्मोकिंग किए जाने की वजह से 45 से 50 एज होते-होते कई तरह की बीमारियां आने लगती है। ऐसे ज्यादातर लोग क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पलमोनरी डिजीज का शिकार बनते है। लंग्स में इंफेक्शन होने की वजह से भी कई तरह डिजीज होती है.'
-डॉ पी ए देशमुख, चेस्ट फिजिशियन, ब्रह्मïानंद नारायण हृदयालय हॉस्पिटल    

Report by: kishor.kumar@inext.co.in & abhijit.pandey@inext.co.in


Posted By: Inextlive