यूपीएसईई काउंसिलिंग में डायरेक्ट एडमिशन के लिये की गई है व्यवस्था

पहले 15 जून अब 25 जून तक काउंसिलिंग शुरू होने के हैं आसार

01 अप्रैल 2017 के बाद का ओबीसी कास्ट सर्टिफिकेट ही होगा मान्य

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ALLAHABAD: डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी लखनऊ से संबंधित सूबे के सभी कॉलेजेस में न्यू एकेडमिक सेशन 2017-18 की प्रवेश प्रक्रिया डिले हो गई है। यूनिवर्सिटी की ओर से काउंसिलिंग प्रॉसेस का आगाज पहले 15 जून के आसपास होना था। लेकिन अब इसके 25 जून से पहले शुरू होने की संभावना कम दिख रही है। ऐसे में काउंसिलिंग का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों को थोड़ा और इंतजार करना होगा।

ऑनलाइन होगा डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन

गौरतलब है कि यूपीएसईई (प्रवेश परीक्षा) 2017 का रिजल्ट मई के अंत में घोषित किया गया था। यूनिवर्सिटी ने काउंसिलिंग की प्री इन्फार्मेशन देते हुये अभ्यर्थियों से कहा है कि उनका डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन ऑनलाइन होना है। सभी अभ्यर्थी अपना 10वीं का सर्टिफिकेट, 12वीं की मार्कशीट, कैटेगरी और सब कैटेगरी सर्टिफिकेट आदि की स्कैन कापी (प्रत्येक 200 केबी) करके अपने पास सुरक्षित रख लें, जिससे काउंसिलिंग के समय किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।

तय कर दिया गया है मानक

यूनिवर्सिटी की ओर से जारी महत्वपूर्ण सूचना में कहा गया है कि काउंसिलिंग में शामिल होने वाले ओबीसी कैटेगरी के अभ्यर्थियों का कास्ट सर्टिफिकेट 01 अप्रैल 2017 के बाद का होना चाहिये। इससे पहले का कास्ट सर्टिफिकेट मान्य नहीं होगा। काउंसिलिंग संबंधी प्री इन्फार्मेशन में एक और खास व्यवस्था की गई है। यह व्यवस्था डायरेक्ट एडमिशन के लिये की गई है। इसमें बीटेक और एमबीए में एडमिशन के मानक तय किये गये हैं।

हर साल घट रहा है प्रवेश

तय किया गया है कि बीटेक में डायरेक्ट एडमिशन के लिये (बिना प्रवेश परीक्षा) न्यूनतम शैक्षिक योग्यता पीसीएम ग्रुप वालों के लिये 60 फीसदी होनी चाहिये। वहीं एमबीए में यह योग्यता पहले 50 फीसदी निर्धारित थी, जिसे बढ़ाकर 55 फीसदी कर दिया गया है। यूनिवर्सिटी के इस फैसले से कॉलेजेस में रोष देखा जा रहा है। कुछ कॉलेजेस का कहना है कि एक तो यूपीएसईई काउंसिलिंग के तहत लगातार एडमिशन का प्रतिशत कम हो रहा है। ऊपर से यूनिवर्सिटी ने डायरेक्ट एडमिशन में अंकों का प्रतिशत बढ़ा दिया है।

तो दूसरे राज्यों का करेंगे रूख

कॉलेजेस का कहना है कि इससे एडमिशन के लिये अभ्यर्थियों का रूझान कम होगा और वे राजस्थान और एमपी जैसी जगहों पर एडमिशन के लिये चले जायेंगे। इन दोनो राज्यों में बीटेक में एडमिशन के लिये न्यूनतम शैक्षिक अर्हता बीटेक के लिये 45 परसेंट और एमबीए के लिये 50 परसेंट है। इस बावत शम्भूनाथ कॉलेज झलवा के सेक्रेटरी डॉ। केके तिवारी ने कहा कि यह बात सही है हर साल काउंसिलिंग में एडमिशन का परसेंटेज डाऊन हो रहा है। 27 से 30 हजार एडमिशन ही बीटेक में हो पा रहे हैं। एमबीए की हालत तो और खराब है। इसके लिये अभ्यर्थी ढूंढे नहीं मिलते।

शुरूआत में न्यूनतम शैक्षिक अर्हता बढ़ाकर रखी जाती है। बाद में घटाया जाता है। यदि इसे पहले ही कर दिया जाए तो प्रवेश की इच्छा रखने वाले अभ्यर्थी इधर-उधर नहीं जायेंगे। लेकिन जब यूनिवर्सिटी ने नियम बनाया है तो इसका अनुपालन करना ही होगा।

डॉ। केके तिवारी, सेक्रेटरी, शम्भूनाथ कॉलेज, झलवा

Posted By: Inextlive