दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की लंबे अर्से से चली आ रही खांसी की प्राब्लम दस दिन तक बंगलुरू में इलाज कराने के बाद अब ठीक हो गयी है और वे वापस काम पर लौटने के लिए एक्साइटेड हैं.

दस दिन तक बंगलुरू में अपनी क्रॉनिक खांसी और हाई शुगर लेबल का ट्रीटमेंट लेने के बाद दिल्ली के मुख्यंमंत्री अरविंद केजरीवाल आज शाम दिल्ली लौट आयेंगे. उन्होंने एक ट्वीट करके बताया कि अब वे स्वस्थ हैं और वापस काम पर पहुंचने के लिए बेहद उत्साहित हैं. केजरीवाल ने बंगलुरू के जिंदल इंस्टीट्यूट जहां वे ट्रीटमेंट करा रहे थे की तारीफ करते हुए वहां के डाक्टरों और स्टाफ का भी धन्यवाद दिया. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि उनकी खांसी चली गई है और शुगर लेवल कंट्रोल में है. वे तरोताजा और फिट महसूस कर रहे हैं. वे वापस काम पर लौटने के लिए उत्साहित हैं. वे जिंदल इंस्टीट्यूट इसके डॉक्टर और स्टाफ के शुक्रगुजार हैं.

Cough gone, sugar under control. Feeling fresh n fit. Am excited to return to resume work(1/2)

— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 16, 2015 

Grateful 2 Jindal institute,its docs,staff. Congratulations 2 Sitaram ji for setting up such a wonderful institute n running it so well(2/2)

— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 16, 2015


केजरीवाल को सालों से खांसी की शिकायत थी और इन दिनों उनका शुगर लेवल भी काफी बढ़ गया था. लेकिन वो वक्त की कमी की वजह से अपना इलाज नहीं करवा पा रहे थे, जिससे उनकी हालत ज्यादा बिगड़ने लगी. इसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें जल्द से जल्द इलाज की सलाह दी, और केजरीवाल ने बंगलुरू का अस्पताल अपने इलाज के लिए चुना.  
बंगलुरू में 11 दिनों तक प्राकृतिक चिकित्सा से इलाज कराने के बाद केजरीवाल की सालों पुरानी खांसी ठीक हो गई है. उनका शुगर लेबल भी सामान्य हो गया है और वह पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं. अब सोमवार को वापस आने के बाद उन्हें बंगलुरू के जिंदल नेचरक्योर संस्थान के डॉक्टरों की सलाह के अनुसार ही भोजन लेना होगा. साथ ही नियमित योगासन व प्राणायाम भी करना होगा.

डॉक्टरों ने अरविंद केजरीवाल को बताया है कि कौन-कौन सा योगासन व प्राणायाम उनके लिए फायदेमंद रहेगा ताकि मधुमेह को नियंत्रित रखा जा सके. वे इनका नियमित अभ्यास भी कर रहे हैं. जिंदल नेचरक्योर संस्थान के मुख्य प्रशासक केके घोष ने बताया कि केजरीवाल को सोमवार की दोपहर अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी. वे पांच मार्च को बेंगलुरु गए थे. अस्पताल के अनुसार, उस वक्त खाली पेट उनका शुगर लेवल 300 मिलीग्राम/100 मिलीलीटर था. इंसुलिन का इंजेक्शन भी काम नहीं कर रहा था. जांच में पता चला कि उनका मधुमेह अनियत्रित हो चुका है. इसके अलावा उन्हें सालों से खांसी भी थी. तब हाइड्रोथेरेपी, मसाज, मिट्टी लेपन व योगा थेरेपी से उनका इलाज शुरू किया गया.

Hindi News from India News Desk

 

 

Posted By: Molly Seth