-शिवगंगा एक्सप्रेस से कैंट स्टेशन पहुंचने पर कार्यकर्ताओं ने किया जोरदार स्वागत

-थोड़ी देर आराम फरमाने के बाद लग गये चुनावी रणनीति को अमल का जामा पहनाने की कवायद में

VARANASI: बनारस से एक नये राजनीतिक क्रांति के आगाज का संकल्प लिए आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल मंगलवार की सुबह शिवगंगा एक्सपे्रस से वाराणसी पहुंचे। उनके साथ उनकी माता गीता देवी व पिता गोविंदराम केजरीवाल भी बनारस आए हैं। कैंट स्टेशन पर आप के सीनियर लीडर मनीष सिसौदिया व राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह आदि नेताओं ने केजरीवाल का स्वागत किया। केजरीवाल के इंतजार में पहले से कैंट स्टेशन पर कार्यकर्ताओं का रेला उमड़ा पड़ा था। केजरीवाल स्टेशन से सीधे संकट मोचन के महंत के आवास से सटे उनके अतिथि गृह पहुंचे और तकरीबन एक घंटे के विश्राम के बाद आगे की रणनीति में लग गये।

फ्भ् मिनट काजी-ए-शहर के साथ

बनारस पहुंचते ही उन्होंने अपनी चुनावी रणनीति को अमल को जामा पहनाने की शुरुआत कर दी। संकट मोचन मंदिर के महंत के गेस्ट हाउस में विश्राम के बाद अरविंद सीधे काजी-ए शहर गुलाम यासीन से मिलने उनके आवास पहुंचे। यहां उन्होंने तकरीबन फ्भ् मिनट बिताये। केजरीवाल और काजी के बीच कई मुद्दों पर बात हुई। अरविंद ने काजी से मुलाकात के दौरान गंगा जमुनी तहजीब को बचाये रखने के लिए अपनी वचनबद्धता दाेहरायी।

सफाईकर्मी के परिवार के लिए मांगा मुआवजा

अपने चुनावी प्रचार के दौरान केजरीवाल मलदहिया स्थित मलिन बस्ती भी गये। केजरीवाल ने वहां बस्ती के सफाईकर्मियों से मिलकर उनकी समस्याओं की जानकारी ली। केजरीवाल ने इसी बस्ती में रहने वाले उस परिवार से भी मिले जिसके एक मात्र कमाने वाले की पिछले दिनों मैनहोल की सफाई के दौरान मौत हो गयी थी। केजरीवाल ने मृतक के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और एक हफ्ते बीत जाने के बाद भी परिवार के लिए किसी भी सरकारी सहायता न दिये जाने पर क्षोभ व्यक्त किया। केजरीवाल ने मेयर और नगर आयुक्त को उदासीन रवैये पर पत्र भी लिखा जिसमें उसके परिवार के लिए मुआवजा, पत्‍‌नी के लिए नौकरी आदि की मांग की गयी थी।

बैनर के जरिये विरोध

कैंट स्टेशन पर अरविंद केजरीवाल को बैनर विरोध का भी सामाना करना पड़ा। कैंट स्टेशन पर कुछ लोगों ने 'दिल्ली के भगोड़े को भगाओ' जैसे स्लोगन वाले बैनर लगा रखे थे। आप समर्थकों ने तुरंत उन बैनर्स व पोस्टर को फाड़ दिया।

Posted By: Inextlive