दिल्ली में केजरीवाल सरकार पानी की आपूर्ति को विकसित देशों की तरह ही बेहतर बनाने के साथ ही बेहतर जल प्रबंधन के लिए एक सलाहकार को नियुक्त करेगी। सीएम केजरीवाल ने पानी के निजीकरण से इंकार किया है। साथ ही कहा कि कहा कि दिल्ली में पानी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए वह उत्तर प्रदेश व उन अन्य राज्यों की सरकारों से भी बात कर रहे हैं जिनके पास अधिक पानी है।


नई दिल्ली (पीटीआई)। देश की राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को एक डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार दिल्ली में पानी की आपूर्ति को विकसित देशों की तरह ही बेहतर बनाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार अगले पांच वर्षों में चौबीसों घंटे जलापूर्ति सुनिश्चित करेगी। इस दाैरान उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में पानी की आपूर्ति का निजीकरण किया जा रहा जैसे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। सीएम ने कहा कि पानी की आपूर्ति का निजीकरण नहीं किया जा सकता है। यह कभी नहीं हो सकता। मैं आपको इसका आश्वासन देता हूं।पानी प्राॅपर प्रेशर के साथ चौबीसों घंटे उपलब्ध
दिल्ली सीएम ने कहा कि विकसित देशों की राजधानी में, पानी प्राॅपर प्रेशर के साथ चौबीसों घंटे उपलब्ध है और सबमरसिबल पंप की जरूरत नहीं है। उनकी सरकार के अथक प्रयासों से शहर की पानी की आपूर्ति विकसित राष्ट्रों की तरह अच्छी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में बहुत सारा पानी बेकार चला जाता है। दिल्ली जल बोर्ड शहर को प्रति दिन 930 मिलियन गैलन पानी (MGD) की आपूर्ति करता है। इसमें प्रति व्यक्ति 176 लीटर पानी होता है। इसमें से बहुत सारा पानी चोरी हो जाता है और लीक हो जाता है। पानी की हर बूंद के लिए जवाबदेही तय होनी चाहिए। कोई अपव्यय नहीं होना चाहिए। जल आपूर्ति प्रबंधन को कैसे बेहतर बनाया जाएसीएम ने कहा हम एक सलाहकार को काम पर रख रहे हैं जो हमें बताएगा कि हमारे जल आपूर्ति प्रबंधन को कैसे बेहतर बनाया जाए और पानी की एक बूंद भी बर्बाद न होने पाए। हमने चौबीसों घंटे जलापूर्ति की दिशा में चलना शुरू कर दिया है। सलाहकार हमें अत्याधुनिक तकनीक के बारे में बताएंगे, जैसे कि SCADA प्रणाली, जिसकी मदद से केंद्रीय नियंत्रण कक्ष से पानी की आपूर्ति का प्रबंधन किया जा सकता है। उनकी सरकार दिल्ली में पानी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए काम कर रही है। हम उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और अन्य राज्यों की सरकारों से बात कर रहे हैं, जिनके पास अधिक पानी है।

Posted By: Shweta Mishra