देश में वर्तमान हालातों को देखते हुए अब यहां पर किसी नए शहर को बसाना का या कोई बड़ा कारोबार करना काफी कठिन हो गया है। यहां पर सबसे ज्‍यादा कठिन चीज भूमि न उपलब्‍ध होना है। इस समय भारत देश में भूमि की उपलब्धता बड़ी चुनौती है। यह बात एक समावेशी और वहनीय शहरीकरण पर एक बड़े सम्‍मेलन के दौरान नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कही है। इस दौरान वहां शहरी विकास मंत्री ने स्वच्छ भारत ई-लर्निंग पोर्टल और स्वच्छता पर पहले प्रशिक्षण माड्यूल का उद्घाटन किया।


माड्यूल का उद्घाटन किया


जानकारी के मुताबिक कल एक समावेशी और वहनीय शहरीकरण पर एक बड़े सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया समेत कई दूसरी हस्ितयां मौजूद रही। इस दौरान अरविंद पनगढ़िया ने देश की भूमि अधिग्रहण समस्या से लोगों को रूबरू कराया। वहीं कार्यक्रम में मौजूद शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने स्वच्छ भारत ई-लर्निंग पोर्टल और स्वच्छता पर पहले प्रशिक्षण माड्यूल का उद्घाटन किया। इसके माड्यूल को शुरू करने के पीछे माना जा रहा है कि नगरपालिका कर्मचारियों और स्वच्छता एवं ठोस कचरा प्रबंधन क्षेत्र से जुड़े लोगों की क्षमता बढ़ेगी। वहीं इस कार्यक्रम में नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया का कहना रहा कि कोई नया शहर बनाना हो अथवा कोई बड़ी परियोजना लगानी हो इनके लिए भूमि अधिग्रहण में पांच साल का समय तो आराम से लग जाता है। जिससे साफ है कि आज यह काफी मुश्किल काम हो गया है।भारत ई-लर्निंग पोर्टल

इसके साथ ही उनका कहना था कि इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि वर्तमान में शहरो के आसपास भूमि की कमी है। भारतीय शहरों में लो फ्लोर स्पेस (एफएसआई) सूचकांक की नीति को चुना है और जिसका कारण किराया बहुत ज्यादा है। हालांकि इस दौरान उन्होंने इस समस्या से निपटने का रास्ता भी सुझाया। उनका कहना था कि ऊंचे भवन बनाए जाएं। जिससे थोड़ी समस्याएं जरूर होंगी। इस दौरान उन्होंने वृद्धि के संबंध में उनका कहना था कि भारत में दहाई अंक की वृद्धि दर्ज करने की संभावना है। वहीं इस कार्यक्रम में मौजूद शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू का कहना था कि भारत ई-लर्निंग पोर्टल और स्वच्छता पर पहले प्रशिक्षण काफी अच्छा है और इसको आने वाले समय में काफी अच्छा रिस्पांस मिलेगा। उनका कहना है कि सरकार को 100 स्मार्ट शहरों के लिए 98 प्रविष्टियां मिली हैं और शेष प्रविष्टियां अगले कुछ दिनों में मिलने की उम्मीद है।

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Posted By: Shweta Mishra