नाबालिग के साथ रेप के मामले में फसे आसाराम बापू के वकील ने पर्सनल रीजन्स के चलते उनका केस छोड़ दिया है.


कोई अन्य वकील तैयार नहींआसाराम का केस लड़ रहे वकीलों में से एक ने अब उनका केस छोड़ दिया है. वकील ने पर्सनल रीजन का कारण बताते हुए इस केस से हटने का फैसला किया. जिसके बाद जोधपुर अदालत ने नाबालिग पीड़िता से पूछ-ताछ स्थगित कर दी और बचाव पक्ष पर जुर्माना भी लगाया, क्योंकि सुनवाई के दौरान आसाराम का पक्ष रखने के लिए कोई अन्य वकील तैयार नहीं था. वकील जगमाल चौधरी इस केस में जोधपुर के एक कोर्ट से ही आसाराम का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. पर अब उन्होंने अपना वकालतनामा वापस ले लिया और अदालत से कहा कि अब वो आसाराम के वकील नहीं रहे. जिसके चलते सुनवाई 16 मई तक स्थगित कर दी गई है.न्यायाधीश निराश
ये केस जोधपुर की जिला एवं सत्र अदालत में नाबालिग से यौन उत्पीड़न के मामले में चल रहा है, जिसमें आसाराम और चार अन्य कथित रूप से मिले हुए पाए गए हैं. सरकारी वकील आर एल मीना ने कहा, चौधरी के हट जाने के बाद अदालत ने अन्य से दलीलें जारी रखने को कहा कि लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया और वक्त मांगा, जिस पर न्यायाधीश मनोज कुमार व्यास को निराशा हुई और उन्होंने 5000 रुपए का जुर्माना लगाया. न्यायाधीश व्यास ने चौधरी से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को भी कहा. यहां की अन्य अदालतों में आसाराम का प्रतिनिधित्व करने वाले अन्य वकीलों की भी उन्होंने सहायता की थी. उनमें राम जेठमलानी एवं ओंकार सिंह लखावत भी शामिल हैं.

Posted By: Subhesh Sharma