-बिजली कर्मचारियों के हड़ताल से उपभोक्ताओं के शिकायतों की बढ़ी संख्या

-वर्किंग टाइम में भी उपभोक्ताओं की नहीं हो रही सुनवाई

बिजली विभाग के निजीकरण के फैसले के विरोध में आंदोलन किये जाने से उपभोक्ता अपनी शिकायतों का निस्तारण नहीं होने से परेशान हैं। कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार के चलते उनकी समस्याओं का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। इससे बिजली विभाग में शिकायतों के पहुंचने की संख्या बढ़ती जा रही है। बताया जा रहा है। शहर के अलग-अलग उपकेन्द्रों में उपभोक्ताओं की रोजाना 70 से 80 शिकायतें दर्ज हो रही हैं। इनमें से बमुश्किल 10 से 15 शिकायतों का ही निस्तारण हो पा रहा है।

20 फीसदी का भी निस्तारण नहीं

गोदौलिया उपकेन्द्र में पिछले 15 दिन में 100 से ज्यादा शिकायतें आई हैं। वहीं शंकुलधारा उपकेन्द्र में बिजली गुल, तार टूटने, ट्रांसफॉर्मर ट्रिप करने जैसे 200 से ज्यादा शिकायतों के अलावा वरुणा पार उपकेन्द्रों में सैकड़ों शिकायतें दर्ज की गई हैं। इनमें से अब तक 20 फीसदी शिकायतों का भी निस्तारण नहीं हुआ है। बता दें कि बीते दिनों आई आंधी के चलते शहर के कई क्षेत्रों में पोल और तार क्षतिग्रस्त हो गए थे। जिसे अभी तक नहीं बनाया जा सका है।

क्या था वादा

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से शुरू विरोध प्रदर्शन के दौरान 27 मार्च को पदाधिकारियों ने घोषणा की थी कि 28 मार्च से कार्य दिवस में सुबह 10 से शाम 5 बजे के बीच ही कार्य किया जाएगा। शाम 5 बजे के बाद कोई भी शटडाउन नहीं लिया जायेगा। लेकिन इन वादों से मुकर गए। कर्मचारी 5 बजे तक के बजाए दोपहर 2 बजे तक ही काम कर रहे थे।

क्या है उपभोक्ताओं की परेशानी

-टेक्निकल फाल्ट आने के बाद उसे बनाया नहीं जा रहा है।

-7 दिन पहले आंधी के चलते टूटे हुए तारों व क्षतिग्रस्त विद्युत उपकरणों का मरम्मत नहीं हो रहा

-एक बजे के बाद बिजली बिल नहीं जमा हो रहा है।

-खराब मीटर नहीं बदला जा रहा है।

-घरों में लगे चेक मीटर नहीं उतारे जा रहे हैं।

-एक सप्ताह में 500 से अधिक आई शिकायत

ऐसा नहीं है, दिन में 2 बजे तक सभी कर्मचारी व अधिकारी विभाग में उपस्थित रहते हैं। इस दौरान हर शिकायत सुनी जा रही है।

आशीष अस्थाना, एसई, पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम

Posted By: Inextlive