-बिजली से तेज चल रहा स्मार्ट मीटर, उपभोक्ताओं को लगा रहा चूना

-मीटर सीलिंग में जारी हे एलएंडटी का खेल, पैसे की लालच में विभाग को भी लग रही चोट

केस 1

18 अगस्त को स्मार्ट मीटर लगाने के लिए एलएनटी ने रोहनिया के लाल बहादुर का मीटर सील किया था। उस दौरान उनका मीटर रीडिंग 29,265 थी। लेकिन 30 सितंबर को जूनियर मीटर टेस्टर (जेएमटी) ने लैब परीक्षण में मीटर रीडिंग महज 3528 पाया गया।

केस- 2

18 अगस्त को रोहनिया के बच्चें लाल का मीटर सील किया गया तो उनके मीटर की रीडिंग 60,635 दर्ज की गई थी।। जबकि वास्तव में उनकी रीडिंग 4733 थी। लंबी चौड़ी बिल पहुंचने के बाद उपभोक्ता ने अधिकारियों से शिकायत की।

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सरकार बिजली निगम को प्राइवेट हाथों में लाकर इसमें होने वाले भ्रष्टाचार को रोकने का सपना तो देख रही है, लेकिन क्या ये इमानदार है, शायद नहीं ऐसा इसलिए कि कार्यदाई संस्था द्वारा लगाए जा रहे स्मार्ट सुपरफास्ट चल रहे है। ऐसा इसलिए कि मीटर इंस्टॉलेशन के एजेंटों को पैसा नहीं मिल रहा.सरकार ने जिन प्राइवेट एजेंसी को घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम सौंपा है, उन्ही केकर्मचारी मीटर स्टॉलेशन और रीडिंग घटाने के लिए फीस वसूल रहे है, जो लोग पैसा नहीं दे रहे उनकी रीडिंग बढ़ा दी जा रही है। या मीटर फास्ट कर दिया जा रहा है। यह दो केस तो सिर्फ बानगी भर है ऐसे न जाने कितने मामले आ चुके है।

कही जीरो तो कही हजारों

यूपीपीसीएल की ओर से यहां कार्यदाई संस्था ईईएसएल के माध्यम से स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य शुरु कराया गया है, लेकिन मीटर लगाने का काम पूरा होने से पहले इसमें आने वाली खामिया भी उजागर होने लगी है। खामिया टेक्निकल नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार और आधारहीन मीटर रीडिंग का। पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के डिस्ट्रब्यूशन के लैब में ऐसे कई मामलों का पर्दाफाश हुआ है। सूत्रों की माने तो यहां ऐसे कई मामले पकड़े गए है, जिनके मीटर की पुरानी रीडिंग 4696 थी, लेकिन नए मीटर में उसे शून्य कर दिया गया। इसी तरह सैकड़ों की रीडिंग को हजारों में लिख दिया गया है।

तीन लाख लगने है मीटर

बता दें कि यूपीपीसीएल द्वारा कार्यदायी संस्था एनर्जी अफीशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) को शहर में तीन लाख मीटर लगाने का काम दिया गया है। जो एल एंड टी के माध्यम से शहरी व ग्रामीण आदि क्षेत्रों में पुराने मीटर के स्थान पर स्मार्ट मीटर लगाने का काम कर भी रही है। यही नहीं ईईएसएल को ही आठ वर्ष तक स्मार्ट मीटर मेंटीनेंस भी देखना है। ऐसे में अगर मीटर लगाने के दौरान भ्रष्टाचार फैल रहा है तो आने वाले दिनों में क्या होगा यह कहना मुश्किल है।

सरकार की मंशा पर पानी

सूत्रों का कहना है कि सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा है। कार्यदायी संस्था को कितनी इमानदार है यह कहना मुश्किल है। पीवीवीएनएल के एक अधिकारी ने बताया कि इस खेल में पुराना मीटर सील करते समय जिन लोगों ने पैसे दे दिए, उनकी रीडिंग ठीक हो रही या घटाकर की जा रही है। लेकिन जिन्होंने पैसे देने से इनकार किया उनकी रीडिंग वास्तविक रीडिंग से काफी अधिक दर्ज की जा रही है।

कर सकते है शिकायत

नया मीटर लगाते समय एल एंड टी ही पुराने मीटर का सीलिंग सर्टिफिकेट भी दे रही है। जबकि सर्टिफिकेट पर विभागीय अधिकारी के सिग्नेचर जरुरी है। अधिकारियों का कहना हैं कि अगर किसी उपभोक्ता के पास ऐसी समस्या आ रही है तो वह तत्काल विभाग से शिकायत कर सकता है। इस बीच के बिल भुगतान के दौरान लेट फीस उपभोक्ताओं से नहीं लिया जाएगा।

- - वर्जन- -

पिछले दिनो ऐसी कई शिकायतें आई है, सही रिपोर्ट बनाकर डिस्ट्रीब्यूशन को भेजा जा रहा है, जिससे बिल को रिवाइज किया जा सके। इस समस्या को खत्म करने के लिए संस्था के अधिकारियों को पत्र भेजा गया है।

अभिषेक यादव, अधिशासी अभियंता, ग्रामीण (विद्युत परीक्षण खंड वाराणसी)

Posted By: Inextlive