थानों से दुत्कार, आशा ज्योति से प्यार
-आशा ज्योति केंद्र में हर महीने घरेलू हिंसा से जुड़े पहुंच रहे 100 मामले, किसी थाने में नहीं आ रहीं इतनी शिकायतें
-पीडि़त महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा केंद्र, पुलिस पर उठने लगे सवाल VARANASIमहिलाओं का पुलिस पर से भरोसा उठता जा रहा है। विश्वास इस कदर खोता जा रहा है कि अब घरेलू हिंसा से पीडि़त युवतियां थानों में कम्प्लेन करने के बजाए सीधे आशा ज्योति केंद्र की डगर पकड़ रही हैं। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि आशा ज्योति केंद्र के आंकड़े यह बयां कर रहे हैं। इससे यह यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि खाकी की खौफ या थानों से दुत्कार के बाद पीडि़ताएं आशा ज्योति केंद्र की ओर रुख कर रही हैं। यही वजह है कि आठ मार्च 2016 को बनारस में स्थापित आशा ज्योति केंद्र महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है। आंकड़े बताते हैं कि घरेलू हिंसा से जुड़े मामले साल भर में जितने जिले के सभी 25 थानों में नहीं आए उससे कहीं ज्यादा आशा ज्योति केंद्र में आए। इससे महिलाओं को आत्मबल के साथ ही न्याय भी मिल रहा है। इस वर्ष केंद्र में अब तक करीब 1200 मामले घरेलू हिंसा से संबंधित आए हैं। इससे पुलिस अफसर भी सकते में हैं।
मामलों का हो रहा निस्तारण
अक्सर देखने में आता है कि घटना होने के बाद भी लोकलाज के डर से महिलाएं थाने तक नहीं पहुंच पाती हैं। इससे मनबढ़ों का हौसला बढ़ता ही जाता है। ऐसे में अपराध पर लगाम के लिए मार्च 2016 में आशा ज्योति केंद्र की स्थापना की गई। इस पहल के बाद ज्यादातर महिलाएं किसी भी मामले की शिकायत के लिए अब दीनदयाल हॉस्पिटल कैंपस स्थित केंद्र में पहुंच रही हैं। वहां महिलाओं की टीम सभी मामलों का निस्तारण करती है। दर्ज करा सकती हैं रिपोर्ट यदि छेड़छाड़ की रिपोर्ट किसी थाने में दर्ज नहीं हो रही है तो यहां रिपोर्ट दर्ज होगी और पूरा न्याय भी मिलेगा। केंद्र में आपके साथ वकील होंगे, महिला पुलिस होगी और चेकअप के लिए डॉक्टर्स की टीम भी होगी। यहां बाकायदा काउंसलिंग भी की जाती है। फिलहाल आशा ज्योति केंद्र की टीम बनारस डिस्ट्रिक्ट के अलावा चंदौली, मुगलसराय आदि एरिया में भी रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर विक्टिम को न्याय दिला रही है। 182 वूमेन पावर नंबर पर कॉल कर अपनी समस्याएं भी बताई जा सकती है। एक छत के नीचे समाधानपं। दीनदयाल उपाध्याय डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल कैंपस के पीछे पानी टंकी के पास बिल्डिंग में घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं को हर प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। तेजाबी हमले से पीडि़त, रेप- छेड़खानी की विक्टिम, मेंटल डिस्टर्ब सहित हर उम्र की महिलाओं को आवश्यकतानुसार सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
नंबर भी करेगा हेल्प तत्काल परामर्श के लिए परामर्श केंद्र, इमरजेंसी हेल्प के लिए चाइल्ड लाइन, वूमेन पावर लाइन 182 नंबर से सुविधा प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावा पीडि़त किशोरियों व महिलाओं के केस में तत्काल एफआईआर दर्ज हो इसके लिए पुलिस रिपोर्टिग चौकी व विधिक सेल की भी सुविधा है। यहां है आशा ज्योति केंद्र -वाराणसी -आगरा -बरेली -मेरठ -नोएडा -गाजियाबाद -कानपुर -कन्नौज -लखनऊ -इलाहाबाद -गोरखपुर केंद्र में इस साल आए मामले 1200 घरेलू हिंसा 09 दुष्कर्म 10 छेड़खानी 12 पाक्सो