इंग्लैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली गई पांच मैचों की एशेज सीरीज 2-2 से ड्रा रही। अगर इंग्लैंड यह सीरीज जीत जाता तो वह कंगारुओं से एशेज ट्राॅफी हासिल कर लेता मगर कंगारु कप्तान टिम पेन की बेहतर कप्तानी का नमूना है कि ऑस्ट्रेलिया 2001 के बाद पहली बार एशेज अपने पास बरकरार रखेगा।


कानपुर। ऑस्ट्रेलियाई टीम आज एशेज ट्राॅफी को बरकरार रख पाई है तो उसमें कप्तान टिम पेन का भी योगदान है। पेन की यह बेहतर कप्तानी का ही नमूना है कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट की सबसे बड़ी जंग को बराबरी पर रोका। 34 साल के टिम पेन को एक्सीडेंटल कैप्टन कहा जाता है। दरअसल पेन को कंगारु टीम की कमान उस वक्त दी गई थी जब ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट विवादों से जूझ रहा था। एक साल पहले ऑस्ट्रेलिया के तत्कालीन कप्तान स्टीव स्मिथ को बाॅल टेंपरिंग का दोषी पाया गया था जिसके बाद उनकी जगह टिम पेन को ऑस्ट्रेलिया का कप्तान बनाया गया।उतार-चढ़ाव से भरा रहा है पेन का करियर


टीम पेन का क्रिकेट करियर बेहद उतार-चढ़ाव भरा रहा है। ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट टीम में वो कभी भी अपना स्थान पक्का नहीं कर पाए और टीम से अंदर-बाहर होते रहे। 7 साल के लंबे अंतराल के बाद 2018 में जब उनका टेस्ट टीम में चयन किया गया, तो सभी को हैरानी हो गई की इतने लंबे समय के बाद इस खिलाड़ी का चयन क्यों किया गया। हालांकि 2017 में ही टीम पेन क्रिकेट छोड़ने का मन बना चुके थे, वो ऑस्ट्रेलिया की क्षेत्रीय तस्मानिया टीम से बाहर थे। इतना ही नहीं उन्होंने क्रिकेट के सामान बनाने वाली कंपनी कूकाबूरा के साथ नौकरी की पेशकश भी स्वीकार कर ली थी और इसके लिए वो मेलबर्न शिफ्ट भी हो गए थे।इस तरह फिर हुई क्रिकेट में वापसीक्रिकेट छोड़ने की पूरी तैयारी कर चुके टिम पेन कि किस्मत में तो कुछ और ही लिखा था, उन्हें अपने देश की अंतरराष्ट्रीय टीम का कप्तान बनना था। क्रिकेट छोड़ने जा रहे टीम पेन को तस्मानिया की टीम मुश्किलों में घिरी तो उन्होंने इस विकेटकीपर बल्लेबाज को वापस बुला लिया। इसके साथ ही पेन को दो साल का करियर एक्सटेंशन भी दिया गया।पेन ने बताया, ‘मैं कूकाबूरा में नौकरी स्वीकार करने से बहुत दूर नहीं था। एक वक्त हालात ऐसे थे कि मेरे लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलने के बारे में सोचना ही ज्यादा था। मैं खुशकिस्मत रहा हूं कि क्रिकेट तस्मानिया में काफी बदलाव हुए। मैं और कुछ अन्य सीनियर खिलाड़ियों के लिए यह नई शुरुआत थी।’टीम से बाहर होने के बाद गए हनीमून पर

2016 में टिम पेन को तस्मानिया की टीम से बाहर किया गया, तो वो हनीमून पर चले गए थे। 2017 में जब वह क्रिकेट छोड़ने का मन बना चुके थे, तब उनकी पहली संतान उनकी बेटी का जन्म हुआ। उनकी बेटी का नाम ‘मिला’ है।इस वजह से भी लगा मैदान पर आने में समय2011 तक टिम पेन चार टेस्ट और 26 वनडे खेल चुके थे। उन्हें कप्तान के विकल्प के तौर पर देखा भी जा रहा था, लेकिन एक मैच में उंगली में लगी चोट उनके लिए दुर्भाग्यपूर्ण साबित हुई। टूटी उंगली को जोड़ने के लिए किए गए 6 ऑपरेशन नाकाम रहे। इसकी वजह से उन्हें मैदान पर वापसी करने में काफी वक्त लग गया।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari