ऑस्ट्रेलिया बनाम इंग्लैंड के बीच जारी एशेज सीरीज का दूसरा टेस्ट लाॅर्ड्स में खेला गया। ड्रा हुए इस मैच में वो सबकुछ देखने को मिला जो क्रिकेट इतिहास में कभी नहीं हुआ। इस मैच में चोटिल स्टीव स्मिथ की जगह मार्नस लबुछाने को टीम में शामिल किया गया और उन्होंने बल्लेबाजी भी की। आइए जानें क्या है खिलाड़ियों की अदला-बदली वाला आईसीसी का ये नया नियम...

कानपुर। ऑस्ट्रेलिया बनाम इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की एशेज सीरीज का दूसरा टेस्ट लाॅर्ड्स में खेला गया। ये टेस्ट वैसे तो ड्राॅ रहा मगर बीच मैच में ऐसा कुछ हुआ जिसे दुनिया ने पहली बार देखा। पहली पारी में बैटिंग करते हुए ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज स्टीव स्मिथ चोटिल हो गए। दरअसल तेज इंग्लिश गेंदबाज जोफ्रा आर्चर की एक गेंद स्मिथ की गर्दन में आकर लगी और वो तुरंत मैदान पर गिर पड़े। डाॅक्टर्स ने जांच कर बताया कि स्मिथ इस टेस्ट में अब हीं खेल पाएंगे फिर ऑस्ट्रेलियाई टीम मैनेजमेंट ने मैच रेफरी की इजाजत लेकर स्मिथ की जगह 12वें खिलाड़ी को टीम में शामिल किया। स्मिथ की जगह मार्नस लबुछाने प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बने। इस सब्सटीट्यूट खिलाड़ी ने फील्डिंग ही नहीं बैटिंग भी की। खिलाड़ियों की अदला-बदली का ये नियम एक अगस्त से लागू हो चुका है।

अब कोई नहीं होगा रिटायर्ड हर्ट

क्रिकेट मैच के दौरान खिलाड़ियों के चोट के चलते रिटायर्ड हर्ट होने पर आईसीसी ने एक नया नियम बनाया है। इंटरनेशनल मैच के दौरान अब कोई बल्लेबाज चोटिल होता है तो उसे रिटायर्ड हर्ट नहीं किया जाएगा, उसकी जगह अब नया बल्लेबाज बैटिंग कर सकता है। यही रूल गेंदबाज पर भी लागू होगा। चलते मैच में किसी गेंदबाज को गंभीर चोट लगती है और वह फील्ड छोड़कर बाहर चला जाता है तो उसकी जगह नए गेंदबाज को टीम में शामिल कर लिया जाएगा। यह नियम इंटरनेशनल क्रिेकट के सभी पुरुष और महिला मैचों में लागू होगा। साथ ही फर्स्ट क्लाॅस क्रिकेट में भी इसे शामिल किया जाएगा।

Steve Smith has been ruled out of the remainder of the second Ashes Test.
Marnus Labuschagne has been confirmed as his concussion replacement.#Ashes pic.twitter.com/ienFwUpInK

— ICC (@ICC) 18 August 2019


मैच रेफरी की लेनी पड़ेगी अनुमति

यह नियम पिछले दो साल से ट्रायल के तौर पर ऑस्ट्रेलियाई घरेलू क्रिकेट में यूज किया जाता रहा है। अब इसकी शुरुआत इंटरनेशनल मैचों में भी हो रही। खिलाड़ियों के रिप्लेसमेंट का डिसीजन टीम मेडिकल स्टाॅफ द्वारा किया जाएगा। एक बार यह तय हो जाए कि चोटिल खिलाड़ी वापस मैदान में नहीं आ सकता तो उसकी जगह दूसरे खिलाड़ी को मैच रेफरी की अनुमति के बाद मैदान में आने दिया जाएगा। बताते चलें ये नियम सिर्फ उन खिलाड़ियों पर लागू होता है जिनके सिर पर चोट लगी हो। मैच के दौरान अक्सर बल्लेाज तेज बाउंसर के चलते चोटिल हो जाते हैं जिसके बाद उन्हें रिटायर्ड हर्ट ही करना पड़ता है मगर अब इनकी जगह एक नए बल्लेबाज को खेलने का मौका मिल सकता है। हालांकि नया खिलाड़ी उन्हीं 15 सदस्यीय टीम से चुना जा सकता है।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari