राजस्थान में राज्यपाल कलराज मिश्र द्वारा तीसरी बार विधानसभा सत्र बुलाने के प्रस्ताव को ठुकराने बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक बार फिर राजभवन पहुंचे। यहां पर उन्होंने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की।


जयपुर (पीटीआई)। राजस्थान में बीते 20 दिनों से चल रहा सियासी संकट खत्म होने का नाम ही ले रहा है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को राज्य विधानसभा का सत्र बुलाने के गतिरोध के बीच राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की। राज्यपाल व मुख्यमंत्री के बीच की यह बैठक लगभग 15 मिनट तक चली। राजभवन के एक प्रवक्ता ने बुधवार की बैठक को शिष्टाचार भेंट बताया। वहीं अशोक गहलोत ने पार्टी विधायकों से कहा कि वह सत्र को फिर से बुलाने को लेकर राज्यपाल से एक बार बातचीत कर वजह इसके पीछे की वजह जानने का प्रयास कर रहे हैं। राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र बुलाने का तीसरा प्रस्ताव भी मंगलवार को खारिज कर दिया है। सरकार 31 जुलाई से विधानसभा सत्र बुलाना चाहती


वहीं इसके पहले भी राज्यपाल कलराज मिश्र ने सोमवार को 31 जुलाई से विधानसभा सत्र बुलाने की राजस्थान मंत्रिमंडल की सिफारिश लौटाते हुए कहा कि सत्र बुलाने के लिए 21 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए। बता दें कि राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार 31 जुलाई से विधानसभा सत्र बुलाना चाहती है। ऐसे में मंगलवार को राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राज्‍यपाल विधानसभा अध्‍यक्ष के काम में हस्‍तक्षेप न करें।

राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के पास बहुमतइतना ही नहीं हरीश चौधरी ने यह भी कहा कि राज्यपाल सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के अनुरूप ही काम करें। राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के पास बहुमत है । मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने स्‍पष्ट किया कि राज्‍यपाल की तीनों अपत्तियां सरकार को मंजूर नहीं हैं । राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि राज्यपाल हमसे बहुमत साबित करने को लेकर पूछ रहे हैं । इसके अलावा हमें बहुमत साबित करने की जरूरत नहीं है,क्योंकि हम पहले से ही बहुमत में है।

Posted By: Shweta Mishra