एटीएस के एएसपी राजेश साहनी मामले में प्रदेश सरकार ने उसे संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला मानते हुए सीबीआई जांच की संस्तुति की है।

सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की
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LUCKNOW : एटीएस के एएसपी राजेश साहनी मामले को भले ही पुलिस के आला अफसर लगातार सुसाइड करार देते रहे पर प्रदेश सरकार ने उसे संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला मानते हुए सीबीआई जांच की संस्तुति की है। उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो गृह विभाग द्वारा इस बाबत जारी किए गये नोटिफिकेशन में सुसाइड का जिक्र नहीं है। विभाग ने केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को भेजी अपनी संस्तुति में इसे मौत का प्रकरण मानते हुए इसका सही कारण जानने के लिए सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की है।
आज से शुरू हो सकती है जांच
गृह विभाग से राजेश साहनी की मौत के मामले की जांच को लेकर जारी नोटिफिकेशन व घटना से जुड़े तमाम दस्तावेजों का सीबीआई ने गहराई से अध्ययन करने के बाद नई दिल्ली स्थित मुख्यालय से केस दर्ज करने की अनुमति मांगी है। हालांकि राज्य सरकार द्वारा जारी इस नोटिफिकेशन के बाद सीबीआई पहले इसकी प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज कर सकती है ताकि यह पता लगाया जा सके कि राजेश साहनी की मौत किन परिस्थितियों में हुई और यह कहीं कोई सुनियोजित साजिश का नतीजा तो नहीं थी। दरअसल राजेश को गोली लगने के बाद अस्पताल न ले जाना एटीएस के अफसरों के  लिए मुश्किल का सबब बन सकता है। इसकी पुख्ता वजह उन्हें सीबीआई को बतानी होगी। फिलहाल यह मामला अब सीबीआई के पाले में है और मुख्यालय से हरी झंडी मिलने के बाद सोमवार को इसकी विधिवत जांच शुरू की जा सकती है।
अनुराग तिवारी मामले में हत्या का केस किया था दर्ज
उल्लेखनीय है कि करीब एक साल पहले राजधानी में कर्नाटक कैडर के आईएएस अनुराग तिवारी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में सीबीआई ने हत्या का मामला दर्ज किया था। सीबीआई ने अपनी जांच भी इसी दिशा में आगे बढ़ाई थी जो अभी जारी है। ध्यान रहे कि अनुराग का शव वीवीआईपी गेस्ट हाउस के बाहर सड़क पर पड़ा मिला था और उनके चेहरे पर गंभीर चोटों के निशान पाए गये थे।  

एफआईआर दर्ज करने की मांग की

वहीं दूसरी ओर आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा ने राजेश साहनी की मौत के मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि राजेश साहनी की मौत असामान्य परिस्थितियों में हुई थी और पुलिस का पहला काम किसी घटना के घटित होने पर पहले एफआईआर दर्ज करना है इसलिए इस मामले की तत्काल एफआईआर होनी चाहिए। उन्होंने यह दावा भी किया कि विरामखंड चौकी इंचार्ज मोहम्मद हसन जैदी ने उन्हें इस संबंध में जो उत्तर दिया है वह एफआरआर दर्ज करने के बिंदु पर स्पष्ट नहीं है और पूरा जबाब ही गोलमोल है। चौकी इंचार्ज ने बताया कि राजेश साहनी की आकस्मिक मृत्यु के संबंध में थाना गोमतीनगर पर निरंतर नियमानुसार समस्त आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है और आगे भी पूरी निष्पक्षता तथा तत्परता के साथ समस्त आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने उर्वशी से यह अनुरोध भी किया है कि अगर उनके पास प्रकरण से संबंधित कोई भी तथ्य व्यक्तिगत जानकारी में हो तो वे स्थानीय पुलिस से संपर्क करें।

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Posted By: Shweta Mishra