हर बार की तरह इस बार भी बारिश में डूबेगा सलोरी

छोटा और बड़ा बघाड़ा के लोगों को हर पल लगा रहता है डर

ALLAHABAD: शहर में कई ऐसे इलाके हैं जो भीषण जलजमाव के लिए बदनाम हैं। बारिश का मौसम शुरू होते ही दर्जनों परिवार के लोग जलजमाव वाले इलाकों को छोड़ कर कहीं और चले जाते हैं और फिर बरसात खत्म होते ही वापस आ जाते हैं। ऐसे इलाकों में सलोरी, चांदपुर सलोरी, ओमगायत्री नगर और कैलाशपुरी का इलाका एक है, जो जलजमाव के लिए बदनाम है। जहां हर साल जलजमाव होता है, जिसका कोई परमानेंट इलाज नहीं है। लोगों का कहना है कि जलजमाव तो हर साल होता है, इस साल और भीषण जलजमाव होगा, क्योंकि बारिश सिर पर है, इस बार नालों की सफाई नहीं हुई।

समय खत्म, नहीं साफ हुए नाले

सलोरी एरिया ढाल पर स्थित है, इसलिए दो-तीन घंटे की बारिश के बाद ऊंचे इलाकों का पानी सलोरी के चांदपुर सलोरी, ओम गायत्री नगर, कैलाशपुरी के निचले इलाकों व बस्तियों तक पहुंच जाता है। नीचले इलाकों की बस्तियों में पानी भर जाता है, जिसे निकलने में कई दिन लग जाते हैं। बरसात के मौसम में वाटर लॉगिंग की समस्या न हो, इसलिए नाला सफाई का समय निर्धारित है। हर साल मई महीने में ही नाले की सफाई हो जाती थी। इसके बाद भी सलोरी एरिया पानी में डूबता था। इस बार मई पूरा बीत गया। आधा जून भी खत्म हो गया। बारिश सिर पर है। मानसून कभी भी दस्तक दे सकता है, फिर भी इस बार बड़े नालों की सफाई बिल्कुल नहीं हुई है। सफाई का समय खत्म हो गया है। ऐसे में भीषण जलजमाव होना तय है।

बरसात में छोड़ देते हैं घर

सलोरी वार्ड की आबादी 65 हजार के करीब है, जिनमें बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, मूल निवासी नहीं बल्कि बाहर से आकर बसे हैं और किराए के मकानों में रहते हैं। जिनमें छात्रों की संख्या अधिक है। बरसात का मौसम शुरू होते ही जलजमाव के डर से कितने लोग अपना घर छोड़ देते हैं, वहीं किराएदार भी कहीं और चले जाते हैं। क्योंकि सीवर लाइन नहीं पड़े होने और नालों की सफाई न होने से भीषण जलजमाव की समस्या बनी रहती है।

एसटीपी में नहीं जा रहा पानी

अमिताभ बच्चन पुल के पास दीवार लगाकर एसटीपी में जो पानी ले जाया जा रहा है, वह एसटीपी में नहीं जा रहा है। बल्कि ओवरफ्लो कर के गंगा में जा रहा है। 1100 डाया पाइप लाइन गई है, लेकिन चल नहीं रही है।

तो फिर दूर हो जाएगी समस्या

सलोरी एरिया हर साल पानी में डूबता है और डूबता रहेगा, जब तक जलनिकासी का प्रॉपर इलाज नहीं होगा। पार्षद राजू शुक्ला का कहना है कि वाटर लॉगिंग का परमानेंट इलाज ये है कि अमिताभ बच्चन पुल से सलोरी एसटीपी दारागंज की ओर 1100 डाया की जो लाइन पड़ी है, उसे ठीक कराया जाए। लाइन हमेशा खाली रहे। नाले की सफाई होती रहे, जिससे पानी रूकने न पाए और आसानी से निकलता रहे। यही नहीं नालों पर अवैध निर्माण को गिरा दिया जाए तो वाटर लॉगिंग नहीं होगी।

यहां होता है जलजमाव

ओम गायत्री नगर के निचले इलाके

कैलाशपुरी के निचले इलाके

चांदपुर सलोरी नाले के किनारे का इलाका

छोटा बघाड़ा

बड़ा बघाड़ा

इन नालों की नहीं हुई सफाई

अमिताभ बच्चन पुल से ओमगायत्री नगर का नाला

मिलेट्री एरिया से शुक्ला मार्केट का नाला

गोविंदपुर का नाला

सरइयां का नाला

सलोरी एरिया में नैचुरल ढाल है। तीन-चार घंटा झमाझम बारिश होने के बाद नीचले इलाकों में पानी घुस जाता है। जिसका परमानेंट ईलाज होना चाहिए। इस साल बड़े नालों की सफाई नहीं हुई है। जिसकी वजह से जलजमाव होना तय है। बार-बार आवाज उठाने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है।

राजू शुक्ला

पार्षद, सलोरी

Posted By: Inextlive