- ओटीपी न आने से पिन नही हो पा रहा जनरेट, ग्राहकों को हो रही परेशानी

- एक साथ बड़ी संख्या में पिन जनरेट होने से सर्वर पर बढ़ा लोड

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घद्गठ्ठद्दद्गठ्ठस्त्र> :

केस:1

योर काडर् इज ब्लॉक्ड

सिविल लाइंस निवासी रोहित कुमार का आईसीआईसीआई बैंक में अकाउंट है। संडे को चिप लगा नया एटीएम कार्ड रिसीव हुआ। ट्यूजडे को वह जब पिन जनरेट करने एटीएम पर पहुंचे तो 15 मिनट बाद उनके मोबाइल पर ओटीपी आया, जिससे यह बेकार हो गया था। दूसरी बार में ओटीपी समय पर आया और आगे की प्रक्रिया भी पूरी कर दी। लेकिन कार्ड स्वैप कर जब पिन डाला तो मशीन ने इसे इन करेक्टर बता दिया। तीसरी बार जब स्वैप किया तो कार्ड ही ब्लॉक हो गया।

केस 2 : 10 घंटे बाद रिसीव हुआ ओटीपी

जंक्शन के पास रहने वाली रिंकी ने का बैंक ऑफ बड़ौदा में अकाउंट है। उनके पास चिप लगा एटीएम कार्ड 4 जनवरी को पहुंचा। पिन जनरेट करने के लिए कार्ड स्वैप किया और 15 मिनट तक ओटीपी के लिए इंतजार करती रहीं, लेकिन यह नहीं आया। इसके बाद दो बार और प्रयास किए। फिर ओटीपी नहीं आने पर वह परेशान होकर घर चली गई। करीब 10 घंटे बाद रात को उनके मोबाइल पर ओटीपी आया। तब तक ात हो चुकी थी, जिससे वह पिन जनरेट नहीं कर पाई।

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बरेली। एक जनवरी से मैग्नेटिक स्ट्रिप वाले डेबिट कार्ड खत्म होने के बाद बैंकों द्वारा इश्यू किए गए चिप वाले कार्ड भी ग्राहकों के लिए सिरदर्द बन गए हैं। नए कार्ड का पिन जनरेट करने में पूरा-पूरा दिन बीत जा रहा है, लेकिन यह जनरेट नहीं हो पा रहा है। टेक्निकल प्रॉब्लम के चलते ओटीपी आने में 10-10 घंटे लग रहे हैं। और अगर पिन जनरेट भी हो रहा है तो मशीन इसे गलत बता कार्ड को ब्लॉकही कर दे रही है।

एक साथ बढ़ा सर्वर पर लोड

बैंक अफसरों का कहना है एक साथ बड़ी मात्रा में एटीएम कार्ड जारी होने से लोगों ने पिन जनरेट करने की प्रक्रिया शुरू की है। सभी को ओटीपी तो सर्वर से ही आता है। ऐसे में सर्वर बिजी हो जाता है, जिससे यह प्रॉब्लम आ रही है। कुछ समय बाद इस समस्या का समाधान हो जाएगा।

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इसलिए बदला गया कार्ड

ग्राहकों के साथ होने वाले फ्रॉड को रोकने के लिए चिप वाले कार्ड इश्यू करने का निर्देश रिजर्व बैंक ने दिया था। ग्राहकों को 31 दिसंबर 2018 तक पुराने डेबिट कार्ड को नए चिप वाले कार्ड से बदलने को कहा गया था। जानकारी के मुताबिक नया चिप वाला एटीएम कार्ड फ्रॉड से बचाने में कारगर है।

ऐसे कर सकते हैं पिन जनरेट

-एटीम मशीन में नया कार्ड लगाकर पिन जनरेट का विकल्प चुने। रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर पर ओटीपी आने के बाद नया पिन बनाया जा सकता है।

-इंटरनेट बैंकिंग से भी पिन जनरेट किया जा सकता है।

- कई बैंकों ने एसएमएस से भी पिन जनरेट करने की सुविधा भी दे रखी है।

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एक साथ हजारों अकाउंट होल्टर पिन जनरेट कर रहे हैं। इस वजह से प्रॉब्लम हो सकती है। इसके अलावा कई बार लोग पिन जनरेट करने में भी गलती कर देते हैं, जिससे यह जनरेट नहीं हो पाता है। ऐसे में लोगों को अपने किसी परिचित की हेल्प लेनी चाहिए, लेकिन सतर्कता जरूर बरतें।

ओपी बढ़ेरा, लीड बैंक मैनेजर

Posted By: Inextlive