RANCHI: यदि आप घर में बैठे हैं और आपके मोबाइल पर अचानक आपके अकाउंट से रुपए निकलने का मैसेज आता है, जबकि आपने किसी को अपना एटीएम कोड भी नहीं बताया है, तो समझ लीजिए आप एटीएम क्लोनिंग के शिकार हो गए हैं। यानी किसी फ्रॉड ने आपके एटीएम कार्ड का डुप्लीकेट बना लिया है। ऐसे में फ्रॉड से बचने के लिए साइबर क्राइम झारखंड पुलिस ने अलर्ट जारी किया है। इसके लिए सबसे अच्छा तरीका है कि बिना सिक्योरिटी गार्ड वाले एटीएम से कभी रुपए की निकासी न करें।

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ऐसे बनता है एटीएम का डुप्लीकेट

आजकल साइबर फ्रॉड गिरोह बिना सिक्योरटी गार्ड वाले एटीएम में एक विशेष प्रकार की चिप फिट कर देते हैं और एटीएम की छत पर थोड़ी देर के लिए बैटरी से चलने वाला एक सीसीटीवी कैमरा लगा देते हैं, जब आप उस एटीएम से रुपए निकालते हैं तो आपके एटीएम कार्ड का सारा डेटा चिप में ट्रांसफर हो जाता है और ऊपर लगे कैमरे में आपका कोड रिकॉर्ड हो जाता है। फिर आपके जाने के बाद एटीएम के आसपास खड़ा व्यक्ति चिप और सीसीटीवी निकाल कर चिप के डेटा से उसी नंबर का डुप्लीकेट एटीएम कार्ड तैयार कर लेता है। वहीं सीसीटीवी कैमरा से आपका कोड लेकर आपके खाते से रुपए निकाल लेता है।

साइबर फ्रॉड से बचने के उपाय

-बिना सिक्यूरिटी गार्ड वाले एटीएम से रुपए न निकालें।

-एटीएम में घुसने के बाद विशेषकर छत पर जरूर नजर डालें कि की बोर्ड की तरफ कोई कैमरा तो नहीं लगा है। मालूम हो कि बैंक कभी भी की बोर्ड की तरफ कैमरा नहीं लगाता।

-सबसे महत्व पूर्ण यह है कि की बोर्ड में अपना कोड टाइप करते समय ऊपर से दूसरे हाथ की आड़ कर दें। ऐसे में यदि कैमरा लगा भी हो तो आपका कोड उसमें रिकॉर्ड नहीं हो पाएगा।

-एटीएम के अंदर से रुपए निकालते समय कोई अन्य व्यक्ति हो, तो उसे शांति पूर्वक बाहर निकलने का अनुरोध करें।

-एटीएम में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ महसूस होने या संदिग्ध कैमरा लगा होने पर तत्काल निकटतम पुलिस या बैंक को सूचना देकर बुलाएं।

-अपना एटीएम कोड, आधार नंबर, मोबाइल नंबर किसी को न बताएं।

Posted By: Inextlive