RANCHI:जख्मी पति मनोज कुमार जायसवाल अस्पताल में है। उनका इलाज होना है। लेकिन, उनके साले, पत्‍‌नी, सौतेले भाई पंकज और मौसा पुलिस से दुकान की चाबी मांग रहे हैं। यह पुलिस को समझ से परे है।

औरंगाबाद में सौतेले भाइयों से है जमीन विवाद

जानकारी के अनुसार, विक्टिम मनोज कुमार जायसवाल क्ख् सालों से रांची में रह रहे हैं। पहले उनकी औरंगाबाद में ऑल आउट(मच्छर भगानेवाली किट) की एजेंसी थी। उसे बंद कर रांची में जेवर व्यवसाय के क्षेत्र में उतरे थे। वह अपनी पत्‍‌नी श्वेता जायसवाल, क्भ् साल की बेटी मिल्की, सात साल के बेटे आयुष के साथ पिस्कामोड़ के नीलांचल कोठी में रहते हैं। बताया जाता है कि औरंगाबाद के ओबरा में मनोज के पिता ने दो शादियां की थी। एक पत्‍‌नी से मनोज, विनोद, मुन्ना और एक बहन है। प्रमोद की औरंगाबाद में मनिहारी दुकान है। जबकि दूसरी पत्‍‌नी से प्रमोद और पंकज हैं। ओबरा में ही मनोज का अपने सौतेले भाइयों के साथ जमीन विवाद चल रहा है। थाने में केस भी हो चुकी है।

पुलिस को है शक

-जब मनोज को गोली मारी गई, तो घटनास्थल पर आधे घंटे में ही उसका सौतेला भाई पंकज कैसे पहुंच गया?

-अपराधी लूटपाट की नीयत से आते तो झोले में रखे जेवर और कैश क्यों नहीं ले गए?

-प्रोफेशन क्रिमिनल्स होते तो हथियार अपने साथ ले जाते, उनलोगों ने हथियार क्यों फेंक दिया?

- क्या मनोज का औरंगाबाद में किसी से लेन-देन का मामला चल रह है?

- पुलिस ने घटनास्थल से जो पिस्टल बरामद किया है, वो बिल्कुल नया है और भुजाली भी नई है।

- मनोज को मारने के लिए शायद कुख्यात क्रिमिनल्स हायर किए गए थे, जिन्हें ग्राहक बनाकर भेजा गया था

-पुलिस मनोज के रिश्तेदारों को भी शक की दृष्टि से देख रही है।

-आखिर मनोज को मारने के लिए किसने सुपारी दी थी?

बॉक्स

पुलिस ने किया कॉल डंप

पुलिस ने घटनास्थल के समय और बाद के समय का कॉल डंप कुलदेवी मार्केट तथा चडरी तालाब का कराया है, ताकि यह पता लग सके कि उस वक्त किन लोगों ने किस-किस से बातचीत की थी।

Posted By: Inextlive