होर्डिग माफिया का साथ दे रही पुलिस

- 24 घंटे बाद भी नहीं पकड़े गए मेयर पर हमला करने वाले

-प्रथम नागरिक ही नहीं सुरक्षित तो आम लोगों का क्या होगा

- भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बना मेयर पर हमला

- कोर कमेटी की बैठक में जुटे भाजपा पदाधिकारी

-भाजपाइयों में पनप रहा एसपी सिटी के खिलाफ आक्रोश

Meerut: शहर को अवैध होर्डिंग की गंदगी से निजात दिलाने का बीड़ा उठा चुके मेयर पर होर्डिंग माफिया का जानलेवा हमला, घटना स्थल पर पुलिस बल की गैर-मौजूदगी और उसके बाद हमलावरों का शहर में खुला घूमना पुलिस प्रशासन को कटघरे में खड़ा करता है। पूरी घटनाक्रम और समूचे प्रकरण पर अगर गौर करें तो होर्डिग माफिया के सामने पुलिस और प्रशासन का कद काफी बौना नजर आता है या यूं कहें कि पिछले कुछ ही सालों में होर्डिग माफिया का वजूद इतना बढ़ गया है कि वह न केवल शहर के प्रथम नागरिक पर जानलेवा हमले जैसी घटना को अंजाम दे देता है, बल्कि घटना के बाद पुलिसिया कार्रवाई से बेखौफ आरोपी शहर में खुला घूमता फिरता है।

पुलिस कार्यप्रणाली पर चोट

अवैध होर्डिग अभियान के दौरान पुलिस मौजूदगी में मेयर पर हुआ जानलेवा हमला और उसके बाद आरोपी की गिरफ्तारी न हो पाना पुलिसिया कार्यप्रणाली पर कई सवालिया निशान लगाता है। हालांकि मेयर की मानें तो अभियान के समय मौके पर केवल दो फेंटम पुलिस ही मौजूद थी। इसके अलावा मेयर की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर पूरे मामले से इतिश्री कर लेना आम जनमानस के दिमाग में यह सवाल खड़ा करता है कि कहीं पुलिस की लापरवाही का नतीजा तो नहीं मेयर पर हमला।

एसपी सिटी बने विलेन

मेयर द्वारा एसपी सिटी से फोन पर मामले की सूचना देने के समय उनका मेयर को हड़काना और अवैध होर्डिग अभियान को ड्रामा व पंचायत बताना और फिर मौके पर न पहुंचना शहरवासियों के बीच एसपी सिटी को एक बार फिर विलेन बनाता है। हालांकि कुछ पार्षदों का तो यहां तक कहना है कि शहर में होर्डिंग माफिया को एसपी सिटी का संरक्षण प्राप्त है। अब इस बात में कितनी सच्चाई है यह तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन शहर के प्रथम नागरिक पर हमले की बात को पुलिस के आला अधिकारी द्वारा उलटे सीधे जवाबों में टाल जाना एक नए विवाद को जन्म देता है।

तो आम नागरिक राम भरोसे

कुछ दबंग लोगों द्वारा दिन-दहाड़े शहर के प्रथम नागरिक पर जानलेवा हमला न केवल पुलिस की नाकामी से परदा उठाता है, बल्कि आम जनमानस के जहन में असुरक्षा की भावना को और अधिक मजबूत भी करता है। शहरवासियों की मानें तो जब शहर में शहर का प्रथम नागरिक ही सेफ तो उनकी सुरक्षा का जिम्मा तो बस भगवान भरोसे।

भाजपा की प्रतिष्ठा का सवाल

केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार, स्टेट में प्रदेश का प्रथम नागरिक और जिले में प्रदेश अध्यक्ष व सांसद समेत तीन विधायकों के बावजूद शहर के प्रथम नागरिक पर हमला हो जाना ने केवल शहर भर के लिए शर्म की बात है, बल्कि यह भाजपा की प्रतिष्ठा पर भी गहरी चोट है। मेयर के साथ शहर में हुई दुस्साहसिक घटना से पार्टी के कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश है।

बुलाई कोर कमेटी की बैठक

मेयर हरिकांत अहलूवालिया के साथ हुई दुस्साहसिक घटना के बाद भाजपा के नेताओं ने शनिवार को कोर कमेटी की बैठक बुलाई। घंटाघर स्थित मुकुंदी देवी धर्मशाला में रखी गई बैठक में मौजूद सभी पदाधिकारियों ने घटना की निंदा करते हुए एसपी सिटी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इस दौरान सांसद राजेन्द्र अग्रवाल, कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल, रविन्द्र भड़ाना, सुरेश जैन ऋतुराज आदि नेता मौजूद रहे।

कमिश्नर व आईजी से करेंगे शिकायत

मेयर हरिकांत अहलूवालिया ने बताया कि कोर कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि रविवार को कमिश्नर व आईजी जोन से मिलकर पूरे प्रकरण से अवगत कराया जाएगा। साथ ही हमलावरों व एसपी सिटी को हटाने की मांग भी की जाएगी।

क्या कहते हैं नेतागण

जिस तरह से शहर के प्रथम नागरिक के साथ बरताव किया गया है, वह संवैधानिक व्यवस्थाओं के खिलाफ है। मेरठ ही नहीं समूचे प्रदेश में जंगलराज कायम है। इस मसले में पूरी पार्टी एकजुट है। पार्टी के निर्णय के अनुरूप कार्य किया जाएगा।

-रविन्द्र भड़ाना, विधायक

सत्तारूढ़ दल के नेताओं के शह पर शहर में गुंडागर्दी का माहौल है। दिन दहाड़े शहर के प्रथम नागरिक के साथ घटना हो जाना और आरोपियों की गिरफ्तारी न होना पुलिस कार्य शैली की कलई खोलती है। पार्टी के निर्णय के अनुसार कार्ययोजना तय की जाएगी।

-सत्यप्रकाश अग्रवाल, कैंट विधायक

मेरे संज्ञान में इस तरह का कोई मामला नहीं है। अगर ऐसा है तो उसमें भाजपा के लोगों का ही दोष होगा। जब से भाजपा की सरकार आई है तब से पार्टी के नेता और प्रतिनिधि गुंडागर्दी और दबंगई पर पर उतारू हैं।

-शाहिद मंजूर, कैबिनेट मंत्री

मेयर के साथ घटी घटना शर्मनाक है। इस मामले में कर्मचारी पूरी तरह से मेयर के साथ हैं। पार्षदों की कोई तरफदारी नहीं की जा सकती। नगरायुक्त से मिलकर दिशा दशा तय की जाएगी।

कैलाश चंदौला, महासचिव उत्तर प्रदेश सफाई मजदूर संघ

किसी काम से बाहर गया हुआ था। आज ही लौटा हूं। सोमवार को नगरायुक्त से मिलकर पूरे मामले की जानकारी व आगे की प्रक्रिया के बारे में मशविरा किया जाएगा।

एलसी मौर्या, अपर नगरायुक्त

क्या कहते हैं शहरवासी

मेयर पर दिन दहाड़े हमला हो जाना अपने आप में बड़ी बात है। जब शहर का प्रथम नागरिक ही अपने ही शहर में सुरक्षित नहीं है, तो हम आम नागरिकों की सुरक्षा तो बस भगवान भरोसे है।

दीपा शर्मा, अजंता कालोनी

मेयर बिल्कुल सही दिशा में काम रहे हैं। पुलिस प्रशासन के इतने ताम झाम के बीच उन पर हमला हो जाना शहर में हो रही गुंडागर्दी का जीता जागता नमूना है। अब शहर में वीआईपी से लेकर आम जन तक कोई सुरक्षित नहीं है।

काजी शादाब, समाज सेवी

शहर में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। जब शहर के प्रतिनिधियों पर भी हमला हो सकता है, तो आम शहर वासियों को कोई किसी से कोई शिकायत नहीं है।

गरीमा त्यागी, समाज सेवी

प्रदेश की सरकार ने कानून व्यवस्था को ताक पर रखा है। यही वजह है कि शहर में आम जन से लेकर जनता के पैरोकार तक भी सुरक्षित नहीं हैं। मेयर के हमलावरों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जसविंदर सिंह नागपाल, सदर दुर्गाबाड़ी

नगर निगम में घमासान

-अवैध होर्डिग अभियान के दौरान पार्षदों से मारपीट

-हजारी की प्याऊ पर पुलिस ने किया लाठी चार्ज

Meerut : शहर में अवैध होर्डिग के खिलाफ जंग छेड़ चुके पार्षदों व होर्डिग माफिया के बीच का विवाद बढ़ता ही जा रहा है। अभियान के तहत मलियाना पुल से अवैध यूनिपोल हटाने के दौरान मेयर और पार्षदों पर हुए हमले का मामला अभी पूरी तरह शांत भी नहीं पड़ा था कि शुक्रवार को चलाए गए अभियान के दौरान होर्डिग माफिया ज्ञानेंद्र के गुर्गों ने पार्षदों पर हमला कर दिया।

कैसे हुई घटना

शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे विज्ञापन प्रभारी राजेश कुमार के नेतृत्व में नगर निगम की एक टीम हजारी की प्याऊ पर पहुंची। इस दौरान टीम के साथ लगभग एक दर्जन पार्षद भी साथ थे, तभी अवैध यूनीपोल उतारते वक्त होर्डिग माफिया के गुर्गो ने निगम कर्मचारियों के साथ गाली-गलौज व अभद्रता शुरू कर दी। स्थिति बिगड़ते देख पार्षदों ने जब बीच-बचाव कराना चाहा तो उन्होंने उनके साथ भी धक्का मुक्की शुरू कर दी, जिस पर मौके पर मौजूद पुलिस ने आरोपियों पर लाठी चार्ज कर स्थिति को काबू में किया।

सिविल लाइन थाने में मुकदमा

घटना के बाद पीडि़त पार्षदों ने सिविल लाइन थाना पहुंच आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस दौरान वार्ड ब्क् से पार्षद बलराज ने अमित गौतम, सुनील सैनी व बंटी के खिलाफ तहरीर देते हुए गिरफ्तारी की मांग की। वहीं दूसरी ओर दूसरे पक्ष की ओर से सुनील सैनी ने पार्षद रविन्द्र तेवतिया, संजीव धामा व अजीत के खिलाफ जानलेवा हमले की तहरीर देकर मुकदमे की मांग रखी। पार्षदों का कहना है कि आरोपी पक्ष ने मामले को हल्का करने के लिए घटना के तीन घंटे बाद एक फर्जी मुकदमे की तहरीर दी है। इस मौके पर बलराज, राजीव गुप्ता, हरिकिशन, तरुण गोयल, गौरव व मनोज वर्मा आदि पार्षद मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive