जम्मू की कोट भलवाल जेल में हमले में घायल पाकिस्तानी कैदी सनाउल्लाह की हालत नाजुक है. पीजीआइ के आइसीयू में भर्ती कैदी को वेंटीलेटर पर रखा गया है. उसके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं आया है. शनिवार को उसका हाल जानने दिल्ली से पाकिस्तान दूतावास के दो अधिकारी अबरार हाशमी और जरहम अब्बास पहुंचे. उन्होंने डॉक्टरों से उसके बारे में विस्तृत जानकारी ली.


हालत स्थिर लेकिन नाजुकउल्लेखनीय है कि भारत में पाकिस्तानी दूतावास के संपर्क अधिकारी मंजूर अली मेनन ने शुक्रवार को इस दौरे की जानकारी दी थी. इधर, पीजीआइ के डायरेक्टर कार्यालय में पाकिस्तान हाईकमीशन के अधिकारियों की एंट्री भी रजिस्टर में दर्ज नहीं की गई. पीजीआइ की प्रवक्ता मंजू वाडवलकर ने बताया कि सनाउल्लाह की हालत स्थिर किंतु संवेदनशील बनी हुई है. आइसीयू के प्रमुख डॉ. वाइके बतरा और न्यूरोसर्जरी विभाग के डॉ. मथूरिया की देखरेख में डॉक्टरों की टीमें उपचार प्रक्रिया में तैनात हैं.सिर में गहरा घावउन्होंने बताया कि पाकिस्तानी कैदी के सिर में गहरा घाव है. खून बहने की वजह से सिर में थक्के बन गए हैं. मालूम हो कि जम्मू की जेल में बंद पूर्व सैनिक विनोद सिंह बिष्ट ने सनाउल्लाह पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था.जरूरी हुआ तो विदेश भी भेजा जाएगा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पाकिस्तानी कैदी सनाउल्लाह को इलाज के लिए बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. इसके लिए उसे विदेश भेजने की जरूरत होगी तो भेजा जाएगा. आजाद जम्मू-कश्मीर के गुलाबगढ़ में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.सरबजीत जैसा हमला


उन्होंने कहा कि लाहौर की कोट लखपत जेल में सरबजीत के साथ जैसा हादसा हुआ, ठीक वैसा ही पाकिस्तानी कैदी के साथ जम्मू की कोट भलवाल जेल में हुआ. दोनों ही हमले गलत हैं, लेकिन इस मामले में दोनों देशों द्वारा उठाए गए कदम में फर्क है. पाकिस्तानी कैदी पर हमले में सरकार का कोई हाथ नहीं है तथा हमला होते ही उसे तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया. बेहतर उपचार के लिए उसे चंडीगढ़ पीजीआइ शिफ्ट किया गया. वहीं पाकिस्तान में सरकार के उकसाने पर सरबजीत पर हमला किया गया तथा उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई.

Posted By: Satyendra Kumar Singh