गोली का शिकार बने ज्ञानचंद्र का शव रखकर चक्काजाम कर रही थी पब्लिक

मृतक ज्ञानचन्द्र के पिता को पेरोल पर रिहा करने की मांग कर रही थी पब्लिक

ALLAHABAD: नैनी सेंट्रल जेल के बाहर गोली का शिकार बने झूंसी एरिया के शेरडीह गांव निवासी ज्ञान चंद्र उर्फ वकील यादव की अंत्येष्टि से पहले जमकर बवाल हुआ। जेल में बंद चंद्रभान यादव व उसके बेटे को पेरोल पर छोड़े जाने की मांग को लेकर फैमिली मेंबर्स के साथ ग्रामीणों ने शव रखकर गोरखपुर-इलाहाबाद मार्ग जाम कर दिया। पुलिस ने समझाकर हटाने का प्रयास तो पब्लिक ने सीधे इंकार कर दिया। दबाव बनाने की कोशिश करने पर पब्लिक आक्रामक हो गई और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। महिलाओं ने एएसपी को पीट दिया। इसमें ट्रेनी आईपीएस समेत 20 पुलिस वाले घायल हो गए। इसके बाद पुलिस ने हवाई फायरिंग और लाठी भांजकर पब्लिक को खदेड़ दिया और बॉडी को लाकर दारागंज में अंतिम संस्कार करा दिया।

जेल गेट पर हुआ था मर्डर

झूंसी के शेरडीह गांव निवासी भाजपा नेता ज्ञानचंद्र यादव रविवार को परिवार के सदस्यों के साथ नैनी सेंट्रल जेल में बंद अपने पिता चंद्रभान यादव से मिलने गए थे। मुलाकात कर घर लौटते समय जेल मोड़ पर कार व बाइक से आए बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग व बमबाजी कर ज्ञानचंद के साथ दो लोगों की हत्या कर दी थी। रविवार को हुई घटना के बाद सोमवार को कड़ी सुरक्षा व तनावपूर्ण माहौल में ज्ञानचंद्र के शव का पोस्टमार्टम हुआ। पीएम के बाद सोमवार को ही दोपहर करीब तीन बजे तक शव परिजनों को सौंप दिया गया था लेकिन परिजनों ने सोमवार को शव का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया।

सड़क पर आकर बदल दिया इरादा

मंगलवार की सुबह दारागंज घाट पर अंतिम संस्कार की बात कही जा रही थी। इसी इरादे से शव लेकर परिवार के लोग निकले भी लेकिन इलाहाबाद-गोरखपुर मुख्य मार्ग पर आते ही उन्होंने अपना इरादा बदल दिया। रोड पर शव को रखकर चक्काजाम कर दिया। वे जेल में बंद चंद्रभान व उसके बेटे को पेरोल पर छोड़े जाने की मांग कर रहे थे। तर्क दे रहे थे कि बेटे की चिता को मुखाग्नि पिता ही देगा। पुलिस वालों ने समझाने का प्रयास किया लेकिन बात नहीं बनी और चक्काजाम जारी रहा।

महिलाओं ने किया हमला

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार चक्काजाम की सूचना मिलने पर सीओ दारागंज का चार्ज देख रहे ट्रेनी आईपीएस गणेश साहा मौके पर पहुंचे। वह पब्लिक को समझाने के लिए गाड़ी से उतरे ही थे कि पब्लिक ने उन पर हमला बोल दिया। महिलाओं ने हाथ छोड़ दिया तो पुलिसवाले भी एलर्ट हो गए। पुलिस को तेवर में आता देखकर पब्लिक उग्र हो गई और पथराव शुरू कर दिया। पुलिस इस स्थिति के लिए तैयार नहीं थी। पथराव में श्री साहा के अलावा 20 अन्य पुलिसवाले चोटिल हो गए। ट्रेनी आईपीएस को तत्काल एसआरएन ले जाया गया। इसके बाद मौके पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स के साथ आरएएफ को कॉल कर लिया गया। आधे घंटे के भीतर फोर्स के साथ आरएएफ वहां पहुंच गई। इसके बाद बारी थी पुलिस की। पुलिस ने जाम करने वालों को दौड़ा लिया। बचने के लिए शव छोड़कर वे गांव की तरफ भागे तो पुलिस वहां भी पहुंच गई। जो जहां-मिला उसे वहीं पीटा गया। महिलाएं, बच्चे, पुरुष सब पिटे। इसके बाद गांव से लेकर सड़क तक सन्नाटा पसर गया। पुलिस ने बॉडी को उठाया और मृतक के परिवार के एक सदस्य को लेकर दारागंज घाट आ गई। यहां बॉडी का अंतिम संस्कार करा दिया गया।

घटनाक्रम

8.45 बजे मृतक ज्ञान चंद्र उर्फ वकील का शव लेकर अंतिम संस्कार के लिए निकले परिवार और गांव के लोग

9.00 बजे इलाहाबाद-गोरखपुर मार्ग पर शव रख कर दिया चक्का जाम। जेल में बंद पूर्व प्रधान चंद्रभान और उनके बेटे को पेरोल पर रिहा करने की करने की मांग

9.30 मौके पर पहुंच गई कई थानों की पुलिस, चक्का जाम की वजह से रोड के दोनों और लग गया भीषण जाम

9.45 बजे पुलिस टीम ने जाम हटाने का किया प्रयास, लेकिन लोग नहीं माने और भड़क उठे।

9.55 ट्रेनी आईपीएस सीओ दारागंज गणेश साहा पहुंचे

10.00 चक्काजाम कर रही महिलाओं व ग्रामीणों ने ट्रेनी आईपीएस पर कर दिया हमला

10.05 पुलिस ने दिखाई सख्ती तो ग्रामीणों ने कर दिया पथराव

10.40 डीएम-एसएसपी भारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे।

11.05 पुलिस ने ग्रामीणों को खदेड़ा किया लाठी चार्ज।

11.15 खुल गया जाम, भाग खड़े हुए प्रदर्शन कर रहे लोग

11.30 पुलिस ने ज्ञान चंद्र उर्फ वकील का शव लेकर पहुंची दारागंज घाट

11.40 बजे गांव में घुस कर पुलिस ने लिया बदला, जो मिला उसे जमकर तोड़ा

Posted By: Inextlive