-राष्ट्रीय मंत्री ने कहा एबीवीपी खड़ा करेगी कैम्पस से सड़क तक आन्दोलन

-असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में रिश्तेदार-नातेदारों को भरे जाने की लिस्ट जारी की

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में कॉमर्स डिपार्टमेंट के प्रोफेसर एसए अंसारी को रजिस्ट्रार रिटायर्ड कर्नल हितेश लव की जांच में शामिल किए जाने पर सवाल खड़े हो रहे हैं। शुक्रवार को छात्रसंघ भवन पर आयोजित प्रेस वार्ता में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री एवं पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रोहित मिश्रा ने कहा कि प्रो। एसए अंसारी सीबीआई जांच में दोषी पाए गए हैं। उनके खिलाफ एमएचआरडी और सेंट्रल विजिलेंस कमीशन लगातार विवि को नोटिस भेजकर मेजर एक्शन के लिए कह रहा है। बावजूद इसके विवि प्रशासन प्रो। अंसारी को संरक्षण प्रदान कर रहा है।

ईसी के भी हैं मेम्बर

रोहित मिश्रा ने कहा कि वर्तमान में प्रो। एसए अंसारी एक्जीक्यूटिव काउंसिल के मेम्बर हैं। इसके अलावा प्रो। अंसारी विवि में करीब 14 कमेटियों में प्रमुख की भूमिका में भी हैं। रोहित का कहना है कि प्रो। अंसारी के खिलाफ लखनऊ कॉलेज फॉर टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट को फर्जी तरीके से एमबीए की मान्यता दिए जाने में सीबीआई जांच हुई है। रोहित ने बताया कि 2008 में प्रो। अंसारी कॉलेज न जाकर शिवगढ़ रिजार्ट में ठहरे थे। वहां उन्होंने फर्जी कागजात को सही बताकर प्रमाणित किया और कोर्स की मान्यता की संस्तुति भी दे दी।

सेलेक्शन कमेटी में भी शामिल

रोहित के मुताबिक जब इस मामले की शिकायत हुई तो सीबीआई जांच के दौरान उन्होंने अपना बयान सीआरपीसी के सेक्शन 161 के तहत दर्ज करवाया। इसे चार्जशीट में भी अंकित किया गया। रोहित ने इस बात पर हैरानी जताई है कि प्रो। अंसारी को इविवि से जुड़े महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती के लिए बनाई गई सेलेक्शन कमेटियों में बतौर एक्सपर्ट कैसे शामिल कर लिया गया? यही नहीं वह सेलेक्शन कमेटी में कुलपति के नॉमिनी के तौर पर भी शामिल हुए हैं।

भ्रष्टाचार को पोषण दे रही केन्द्र सरकार

प्रेस वार्ता में रोहित मिश्रा ने मीडिया के सामने इविवि से जुड़े सभी कॉलेजेस में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती की लोक सेवा आयोग की तरह सीबीआई जांच की मांग के साथ 18 जनवरी से विवि में शुरू होने जा रहे इंटरव्यू को तत्काल रोकने की मांग की है। उन्होंने कहा कि शिक्षक भर्ती में नातेदार-रिश्तेदारों का चयन मनी और मसलपावर के दम पर धड़ल्ले से किया गया है। इसकी शिकायत खुद उन्होंने राष्ट्रपति, एमएचआरडी और यूजीसी से की है। लेकिन केन्द्र में नेता और प्रशासन में बैठे लोग इस भयंकर भ्रष्टाचार को समर्थन दे रहे हैं।

बेटे से लेकर भाभी तक का चयन

इस दौरान रोहित मिश्रा ने विवि और कॉलेजेस के वरिष्ठ शिक्षकों के उन रिश्तेदारों के नाम की लम्बी चौड़ी लिस्ट मीडिया को सौंपी। इसमें शिक्षकों के पुत्र, पुत्री, पत्नी, भतीजा, बहन, भाभी, शोध छात्र समेत कई सगे और चचेरे संबंधि शामिल हैं। चयनित रिश्तेदारों की लिस्ट में विवि में शीर्ष प्रशासनिक पद पर करीब 13 साल से काबिज वरिष्ठ शिक्षक का बेटा, एक पूर्व प्रवेश निदेशक का बेटा-भतीजा, कुलपति नामिनी के शिष्य, एक कॉलेज प्राचार्य की पत्नी, चयन समिति में शामिल एक्सपर्ट के संबंधि आदि हैं। रोहित ने ईमानदारी के पक्षधर विवि के शिक्षक एवं छात्रों से अपील की है कि वे करप्शन की लिस्ट को चौड़ा करने का कार्य करें।

सीबीआई ने मुझे 01 अप्रैल 2010 को गवाह के रूप में पेश किया। मैंने 28 मई 2014 को सीबीआई के पक्ष में अपना बयान दिया। जिन चार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई, उसमें मैं नहीं हूं। मुझे मान्यता के लिए रीविजिट कमेटी में रखा गया था। इससे पहले जो कमेटी बनी थी, उसने फर्जीवाड़ा किया।

-प्रो। एसए अंसारी,

कॉमर्स डिपार्टमेंट एयू

इविवि में बायोकेमेस्ट्री के प्रो। डीके गुप्ता को ज्वॉइन नहीं करने दिया गया। जेपी यूनिवर्सिटी छपरा में कुलपति रहने के दौरान राज्यपाल से उनकी शिकायत हुई थी। वहां से लौटने पर विवि ने यह कहकर उन्हें ज्वाइन कराने से इंकार कर दिया था कि उनके चलते इविवि की छवि खराब हुई। प्रो। अंसारी के प्रकरण में कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?

-रोहित मिश्रा,

राष्ट्रीय मंत्री एबीवीपी

Posted By: Inextlive