-खुद को रिश्तेदार बताकर लोगों से करते हैं ठगी

-एक ठग से बातचीत का ऑडियो हुआ वायरल

बरेली- हेलो, कमलदीप कैसे हो, मैं ठीक हूं, पहचाना नहीं, अरे मैं आपका जीजा जी बोल रहा हूं, जी हां कुछ इसी तरह से फोन पर अनजान रिश्तेदार लोगों को अपने झांसे में फंसाकर लोगों की मेहनत की कमाई हड़प रहे हैं। ऐसे ही एक मामले का ऑडियो वायरल हुआ है, जिसमें एक ठग एक शख्स को अपने झांसे में लेने की कोशिश कर रहा है। हालांकि शख्स ठग के जाल में फंसने से बच गया तो ठग ने फोन काट दिया।

85 हजार रुपए ठगे

बरेली में भी इस तरह के कई मामले सामने आ रहे हैं। पुलिस ऐसे लोगों से सावधान रहने की अपील कर रही है। बरेली में लॉकडाउन की अवधि में इस तरह के एक दर्जन केस सामने आ चुके हैं। संडे को बारादरी में सौरभ भाटिया ने ऐसे ही एक ठगी के मामले की एफआईआर दर्ज करायी थी, जिसमें ठग ने उनसे रिश्तेदार बनकर 85 हजार रुपए ठग लिए थे।

पूरी बातचीत का ऑडियो

पीडि़त-हेलो

साइबर ठग-हेलो कमलदीप

पीडि़त-कैसे हो

साइबर ठग-मैं ठीक हूं

पीडि़त-आप कैसे हो

साइबर ठग-हम भी ठीक हैं, पहचाना नहीं

पीडि़त-सर पहचाना नहीं

साइबर ठग-थोड़ा कोशिश करो किसकी आवाज लग रही है

पीडि़त-चलो बात करेंगे तो पहचान जाऊंगा

साइबर ठग-हम तो सोचे थे कि नए नंबर से बात करें तो पहचान जाएंगे

पीडि़त-ये बात तो है जी

साइबर ठग-नहीं पहचाना

पीडि़त-सर नहीं पहचाना

साइबर ठग-अरे जीजा जी बोल रहा हूं

पीडि़त-जीजा जी, कौन से वाले

साइबर ठग-गुडि़या दीदी को नहीं जानते

पीडि़त-कहां से

साइबर ठग-मौसी जी की लड़की गुडि़या

पीडि़त-नहीं जी पहचाना नहीं

साइबर ठग-नेहा दीदी को नहीं जाते

पीडि़त-अच्छा नेहा

साइबर ठग-उन्हें प्यार से गुडि़या बुलाते हैं

पीडि़त-अब तो पहचान लिया

साइबर ठग-कैसे सब ठीक हैं

पीडि़त-बहुत बढि़या

साइबर ठग-कहां घर पर हो, एक छोटी से हेल्प चाहिए थी, इसलिए कॉल किया था

पीडि़त-जी बताइए

साइबर ठग-यह कह रहा हूं फोन पर फोन पे, गूगल पे चल रहा है

पीडि़त-हां चल रहा है

साइबर ठग-अरे एक बंदे पर मेरे 40 हजार रुपए थे, उसने मेरे फोन पे में 20 हजार रुपए डाल दिए हैं, मेरे फोन पे की लिमिट पूरी हो गई, मेरे को 20 हजार रुपए डलावने थे, मैं सोच रहा था कि तुम्हारे अकाउंट में डलवा देता हूं, तुम मुझे बाद में रिटर्न कर देना

पीडि़त-हां बेफिक्र होकर डला दो

साइबर ठग-किस नंबर पर चल रहा फोन पे

पीडि़त-इसी नंबर पर चल रहा है, जिस पर बात हो रही है,

साइबर ठग- ---- वाले पर, हां इसमें डला दे रहा हूं, एक बार अपना अकाउंट बैलेंस चेक कर लो, मैं इसमें डलवा देता हूं

पीडि़त-नेहा वही, दिव्यांशी की मम्मी, बेफिक्र होकर डला दो

साइबर ठग-एक बार अपना अकाउंट चेक कर लो, जिससे तुम्हे पता हो, 20 हजार डला दूं तो टोटल कितना हो जाएगा

पीडि़त-मैं इसमें देख लूंगा, हिस्ट्री भी तो आ जाए

साइबर ठग-नहीं देख लो, कहीं कट जाए, तुम्हे मालूम तो होगा

पीडि़त-मेरे अकाउंट में 10 हजार हैं

साइबर ठग-मैं दो बार में 10-10 हजार डाल देता हूं, देखो 10 हजार का मैसेज आया, अपना फोन लाउस्पीकर पर कर लो, इसमें एक लिंक आया होगा, लिंक पर क्लिक करो तो वह फोन पे ले जाएगा तब जमा होगा

पीडि़त-इसमें मैसेज तो आ गया रिसीव्ड

साइबर ठग-नहीं अभी जमा नहीं हुआ है, लिंक ओपन करो तब आएगा

पीडि़त-नहीं ऐसे कैसे हो गया सर जी

साइबर ठग-वह फर्म से डाल रहा है तो, लिंक ओपन करो

पीडि़त-चलो हो गया,

साइबर ठग-साइबर ठग-देखो क्या लिखा आ रहा है, कांटीन्यू आ रहा है

पीडि़त-कांटीन्यू कर दिया

साइबर ठग-अब देखो अकाउंट में सेंड का ऑप्शन आ रहा, इस पर क्लिक करो, तब जमा होगा

पीडि़त-जमा कहां सर जी निकल जाएंगे

साइबर ठग-तुम्हारे अकाउंट में जमा हो जाएगा

पीडि़त-भाई साहब सच में बताओ कौन बोल रहे हो

साइबर ठग-सच में नहीं पहचाना कौन बोल रहा हूं

पीडि़त-नहीं

साइबर ठग-चलो ठीक है फिर

और फिर फोन कट गया

Posted By: Inextlive