अफगानिस्तान में नाजी झंडा लहराए जाने की घटना के करीब एक दशक बाद प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल ने अपने सैनिकों को खूब फटकारा है। उन्होंने कहा कि ये गलत है ऐसा कभी और किसी के साथ नहीं होना चाहिए।

तस्वीर को प्रकाशित किए जाने के बाद लोगों ने की निंदा
सिडनी (रॉयटर्स)।
अफगानिस्तान में नाजी झंडा लहराए जाने की घटना के करीब एक दशक बाद प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल ने गुरुवार को इस करतूत के लिए ऑस्ट्रेलियाई विशेष बल के जवानों को खूब फटकारा है। बता दें कि 2007 में अफगानिस्तान में एक विशेष अभियान के दौरान ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों ने अपने एक वाहन पर नाजी झंडा लहराया था। लाल रंग के इस झंडे के बीच में काले रंग से स्वास्तिक बना हुआ था। ऑस्ट्रेलियाई ब्राडकास्टिंग कोऑपरेशन द्वारा इस तस्वीर को प्रकाशित किए जाने के बाद कई लोगों ने जवानों की खूब निंदा की थी।
ऑस्ट्रेलिया के 41 सैनिकों की हुई मौत
अब टर्नबुल भी निंदा करने करने वालों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं। उन्होंने अपनी सेना को फटकारते हुए कहा, 'एक अनुशासित सेना के जवानों का ऐसी घटना में शामिल होना अस्वीकार्य है। यह पूरी तरह गलत था। इसके लिए उन पर उस समय भी कड़ी कार्रवाई की गई थी और आगे भी की जाएगी।' इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने कहा, 'सेना के वाहन पर झंडा थोड़ी देर के लिए लगाया गया था। अधिकारियों ने कार्रवाई करते हुए इसे तुरंत उतार लिया था।' गौरतलब है कि अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ जंग में अमेरिका और ब्रिटेन के बाद ऑस्ट्रेलिया तीसरा सबसे बड़ा देश था। वर्ष 2002 से 2013 के बीच अफगानिस्तान में ऑस्ट्रेलिया के 41 सैनिकों की मौत हुई। 2013 में ऑस्ट्रेलिया ने अपने सैनिक वापस बुला लिए थे।

कुछ कैदियों को बुरी तरह से पीटकर मार डाला

हाल के दिनों में, 'सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड अख़बार' ने अज्ञात गवाहों का हवाला देते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। उसमें ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने 2009 और 2012 में अफगानिस्तान के कुछ कैदियों को बुरी तरह से पीटकर मार डाला था। इस मामले में ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्रालय का कहना है कि वे इस मामले की निष्पक्षता से जांच कर रहे हैं।

जीत के जश्न में हवा में उछाली गेंद और टाई हो गया मैच, ऐसे निकला मैच का परिणाम

दुनिया के 10 एयरपोर्ट जहां फ्लाइट लेट होने पर बोर नहीं होते पैसेंजर्स

Posted By: Mukul Kumar